राज्यसभा उपचुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने दाखिल किया नामांकन, जानें सियासी समीकरण।

जयपुर। राजस्थान की एकमात्र खाली राज्यसभा की सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी के तौर पर रवनीत सिंह बिट्टू ने बुधवार 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। बुधवार को ही नामांकन की आखिरी तारीख थी। कांग्रेस की ओर से इस उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारा गया। ऐसे में एक सीट के लिए एक ही प्रत्याशी की ओर से नामांकन किए जाने से रवनीत सिंह बिट्टू की जीत लगभग तय हो गई है। भाजपा की ओर से बिट्टू का नाम एक दिन पहले ही तय किया गया था। 27 अगस्त को नामांकन वापसी का दिन है। उसी दिन बिट्टू के जीत की घोषणा की जाएगी।

सीएम भजनलाल शर्मा और दोनों डिप्टी सीएम बने प्रस्तावक॥

राज्यसभा प्रत्याशी के लिए भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दोनों उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा प्रस्तावक बने। बिट्टी ने कुल चार सेट में नामांकन प्रस्तुत किए। नामांकन के दौरान निर्दलीय विधायकों सहित पार्टी के करीब 40 विधायक प्रस्तावक और अनुमोदक बने। नामांकन से पहले विधानसभा में विधायक दल की बैठक हुई जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा, दोनों डिप्टी सीएम सहित दर्जनों विधायक मौजूद रहे।

अब भाजपा की हो जाएंगी 5 सीटें॥

राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं। केसी वेणुगोपाल की ओर से इस्तीफा दिए जाने के बाद एक सीट रिक्त हो गई। शेष 9 सीटों में से 5 सीटों पर कांग्रेस काबिज है जबकि 4 सीट भाजपा के पास है। वर्तमान में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों में सोनिया गांधी, रणजीत सिंह सुरजेवाला, प्रमोद तिवाड़ी, नीरज डांगी और मुकुल वासनिक हैं जबकि भाजपा की ओर से राजेंद्र गहलोत, घनश्याम तिवाड़ी, चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ राज्यसभा सदस्य हैं। रवनीत सिंह बिट्टू की जीत के बाद भाजपा की भी राज्यसभा में 5 सीटें हो जाएंगी।

जीत के लिए चाहिए 98 विधायकों के वोट, कांग्रेस के पास हैं 66 विधायक॥

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव विधायकों के वोट से होता है। राजस्थान में सिर्फ एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है। विधायकों की संख्या के हिसाब से प्रत्याशी की जीत के लिए 98 वोट चाहिए। प्रदेश में भाजपा के 114 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास केवल 66 विधायक ही हैं। भाजपा प्रत्याशी की जीत निश्चित थी। ऐसे में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा।

लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद मोदी सरकार में मंत्री बने रवनीत सिंह॥

रवनीत सिंह बिट्टू पहले कांग्रेस में थे लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उन्हें हरियाणा के लुधियाना से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अमरिंदर सिंह राजा के सामने चुनाव हार गए। चुनाव में हार के बावजूद मोदी सरकार में रवनीत सिंह को मंत्री बनाया गया। मंत्री बनने के बाद छह महीने के भीतर लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनना जरूरी था। ऐसे में भाजपा ने उन्हें राजस्थान से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया। बिट्टू मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री हैं।

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