खतरे में पुरुषो का भविष्य! लड़के पैदा होने हो जाएंगे बंद? Y क्रोमोसोम को लेकर रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा।

वॉशिंगटन। हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक Y क्रोमोसोम के लुप्त होने की बात सामने आई है। जैसा कि आपको पता है Y क्रोमोसोम पुरुष के जेंडर को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रिसर्च काफी ज्यादा डराने वाली है. क्योंकि अगर इस रिसर्च की मानें तो भविष्य में ज्यादा लड़कियां ही जन्म लेंगी। क्योंकि Y क्रोमोसोम विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है।

कैसे भ्रूण में पल रहे बच्चे का जेंडर डिसाइड होता है?

आइए इस आर्किटल में विस्तार से समझे कि कैसे क्रोमोसोम Y किस तरह से काम करता है। साथ ही जानेंगे यह विलुप्त होने के कगार पर कैसे पहुंचा। ज्यादातर मैमल्स यानि जो अपने बच्चों को दूध पिलाती हैं। उनमें यानि महिलाओं या मादा जानवर में 2 X क्रोमोसोम होते हैं। जबकि नर यानी पुरुष में एक X और एक Y क्रोमोसोम होते हैं। जब एग और स्पर्म में फ्यूजन होता है। फिर  SRY जीन होता है। तब भ्रूण पुरुष होता है।

प्रेग्नेंसी के लगभग 12 सप्ताह के बाद SRY जीन एक्टिव होता है। जिसे देखकर पता लगा सकते हैं कि भ्रूण में पल रहा बच्चा पुरुष है या महिला। जो पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन प्रोड्यूश करता है वह बच्चा पुरुष के रूप में जन्म लेता है।

यानी लड़का पैदा होने के लिए Y क्रोमोसोम का होना जरूरी है। अगर पुरुषों का Y क्रोमोसोम खत्म हो जाए, तो फिर लड़के पैदा ही नहीं होंगे सिर्फ लड़कियां पैदा होंगी और फिर इंसान ही नहीं बचेंगे। एक नई रिसर्च में कुछ ऐसा ही खतरा जताया गया है, जो कहती है कि Y क्रोमोसोम कम होते जा रहे हैं।

मैमल्स में ऐसे काम करता है क्रोमोजोम॥

SRY जीन की खोज 1990 में हुई थी और पाया गया कि यह SOX9 एक्टिव करता है। जो किसी भी मैमल्स में मेल जेंडर के विकास को ट्रिगर करता है। यानि अगर यह जीन है तो गर्भ में पल रहा बच्चा पुरुष है। Y क्रोमोसोम क्यों गायब हो रहा है? मनुष्यों और प्लैटिपस के अलग होने के बाद से 166 मिलियन सालों में Y क्रोमोसोम ने एक्टिव जीन की एक महत्वपूर्ण संख्या खो दी है, जो 900 से घटकर केवल 55 रह गई है। यह हर मिलियन साल में लगभग पांच जीन का नुकसान है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले सालों में Y क्रोमोसोम अगले 11 मिलियन सालों में पूरी तरह से गायब हो सकता है।

X क्रोमोसोम में कई कार्यों वाले लगभग 900 जीन होते हैं, जबकि वाई में लगभग 55 जीन होते हैं जिनमें से केवल 27 पुरुष-विशिष्ट होते हैं। वाई का अधिकांश भाग दोहरावदार ‘जंक डीएनए’ से बना होता है। द वीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी अस्थिर संरचना के साथ वाई गुणसूत्र कई पीढ़ियों के दौरान पूरी तरह से गायब होने का खतरा है। वाय क्रोमोसोम के कम होने ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है।

रिसर्च रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा?


जेनेटिक्स की विशेषज्ञ प्रोफेसर जेनी ग्रेव्स बताती हैं कि वाई क्रोमोसोम का आकार कम होना कोई नई घटना नहीं है। वह बताती हैं कि प्लैटिपस में, XY क्रोमोसोम जोड़ी समान सदस्यों वाले सामान्य क्रोमोसोम की तरह दिखाई देती है। ग्रेव्स ने कहा, इससे पता चलता है कि स्तनधारी X और Y बहुत पहले तक क्रोमोसोम की एक सामान्य जोड़ी थे। दो कृंतक वंशों में - पूर्वी यूरोप के मोल वोल और जापान के स्पाइनी चूहे - Y क्रोमोसोम पहले ही खो चुके थे। इन प्रजातियों में, नर और मादा दोनों में X क्रोमोसोम रहता है, लेकिन Y क्रोमोसोम और SRY जीन गायब हो गए हैं।

साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च कहती है कि इंसान का Y गुणसूत्र घट रहा है और भविष्य में पूरी तरह गायब हो सकता है। हालांकि इसके खत्म होने में लाखों वर्ष लगेंगे। अगर इंसान Y के विकल्प के तौर पर एक नया जीन विकसित नहीं कर पाता है और Y क्रोमोसोम का पतन जारी रहता है तो धरती से जीवन ही खत्म हो सकता है।

एक नए जीन के विकसित होने की उम्मीद॥

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में 2022 में पब्लिश एक रिसर्च पेपर से जगी है। इसमें बताया गया है कि कैसे कांटेदार चूहे ने एक नया पुरुष-निर्धारण जीन विकसित किया है। ये एक वैकल्पिक संभावना का इशारा करती है, जो कहती है कि मनुष्य एक नया लिंग निर्धारण जीन विकसित कर सकता है। हालांकि ये बहुत सीधा नहीं है और इसके विकास में कई जोखिम भी साथ आएंगे। यानी इसे अभी विकल्प मान लेना जल्दीबाजी होगी।

Y क्रोमोसोम के बिना भी हो सकता है जीवन॥

Y क्रोमोसम घटने की चिंता के बीच वैज्ञानिकों को चूहे के दो ऐसे वंशों ने राहत दी है, जो वाय क्रोमोसम खोने के बाद भी जीवित हैं। पूर्वी यूरोप और जापान के कांटेदार चूहों में ऐसी प्रजाति हैं, जिनके गुणसूत्र और एसआरवाई पूरी तरह से गायब हो गए हैं। ऐसी नस्लों में एक्स गुणसूत्र दोनों लिंगों के लिए काम करता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें जीन के बिना लिंग का निर्धारण कैसे करते हैं।

रिसर्च में कुरोइवा की टीम का कहना है कि इंसान के वाय क्रोमोसोम गुणसूत्र के गायब होने से हमारे भविष्य के बारे में अटकलें लगने लगी हैं। ऐसा भी मुमकिन है कि आज से 11 मिलियन वर्ष बाद पृथ्वी पर कोई मनुष्य नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रजनन के लिए शुक्राणु की आवश्यकता होती है। यानी इसके लिए पुरुषों का होना जरूरी है। साफ है कि वाय गुणसूत्र का अंत मानव जाति के विलुप्त होने की शुरुआत कर सकता है।

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