
नई दिल्ली। आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। शक्तिकांत दास जब आरबीआई के गवर्नर बने थे तो उन्होंने उर्जित पटेल की जगह ली थी। दास को तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली का खास माना जाता था। जेटली ने कई मौकों पर उनकी तारीफ की थी।
माना जाता है कि 8 नवंबर 2016 में पीएम का नोटबंदी का फैसला आने से पहले जिस टीम ने इस विषय पर काम किया था, उसमें शक्तिकांत दास ने भी अहम भूमिका निभाई थी। नोटबंदी मामलों पर शक्तिकांत दास तमाम मौकों पर मीडिया से बातचीत के दौरान हाईलाइट हुए थे। उनकी छवि एक जानकार अधिकारी के रूप में रही है।
कौन हैं शक्तिकांत दास?
शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को हुआ था। वह सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने इतिहास में एमए किया है। वह तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने भारत के आर्थिक मामलों के सचिव, भारत के राजस्व सचिव और भारत के उर्वरक सचिव के रूप में भी काम किया है।
शक्तिकांत दास को शासन के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है और उन्होंने फाइनेंस, टैक्स, इंडस्ट्री आदि के क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, वह सीधे तौर पर 8 केंद्रीय बजट तैयार करने से जुड़े रहे हैं।
जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे, तब पहली बार साल 2008 में शक्तिकांत दास को संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया था। शक्तिकांत दास ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB), न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी काम किया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे IMF, G20, BRICS, SAARC, आदि में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

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