Elon Musk ने दिखाया हैरान करने वाला सपना! सिर्फ 54 मिनट में न्यूयॉर्क से लंदन पहुंचाएगी समुद्र के नीचे हाइपरलूप टनल!
Elon Musk : ने दिखाया हैरान करने वाला सपना! सिर्फ 54 मिनट में न्यूयॉर्क से लंदन पहुंचाएगी समुद्र के नीचे हाइपरलूप टनल। जानिए इस फ्यूचर ट्रांसपोर्टेशन के बारे में।"
Elon Musk News : टेस्ला (Tesla) के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) ने एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा है कि उनकी कंपनी 'दि बेरिंग कंपनी' (The Boring Company) अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York) और लंदन (London) के बीच समुद्र के नीचे एक टनल बनाने की योजना पर काम कर सकती है। इस टनल के जरिए लोग न्यूयॉर्क से लंदन तक की यात्रा सिर्फ एक घंटे से भी कम समय में पूरी कर सकेंगे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डेली लाउड नाम के यूजर हैंडल से एक पोस्ट किया गया। इस पोस्ट में लिखा था कि न्यूयॉर्क शहर से लंदन को जोड़ने के लिए 20 ट्रिलियन डॉलर की लागत से टनल बनाने का प्रस्ताव दिया गया है जो कि एक घंटे से भी कम समय केवल 54 मिनट में न्यूयॉर्क शहर से लंदन तक पहुंचा देगा। इस पोस्ट पर जवाब देते हुए एलन मस्क ने लिखा कि उनकी दि बोरिंग कंपनी 20 ट्रिलियन डॉलर से 1000 गुना कम लागत पर ये टनल तैयार कर सकती है।
एलन मस्क का ये प्रस्ताव हाइपरलूप तकनीक (Hyperloop Technology) पर आधारित है, जिसे फ्यूचर ट्रांसपोर्टेशन के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें वैक्यूम-सील सुरंगें होगी जिसमें 3,000 मील प्रति घंटे से अधिक की गति से यात्रा की जा सकेगी। एलन मस्क साल 2013 से ही उन लोगों में शामिल है जिन्होंने ट्रैवल करने के लिए वैक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी (Vacuum Tube Technology) के सबसे बड़े पैरोकार रहे हैं।
दरअसल अमेरिका में लंबे से ब्रिटेन को अमेरिका से जोड़ने वाली ट्रांसअटलांटिक सुरंग यानी हाइपरसोनिक अंडरवाटर सुरंग बनाने को लेकर चर्चा की जा रही है जिसमें 3,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार यात्रा की जा सकेगी। लेकिन लंदन और न्यूयॉर्क को जोड़ने वाली ट्रांस-अटलांटिक ट्रेन के सपने को पूरा करने के लिए 20 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने होंगे। हालांकि एलन मस्क ये दावा कर रहे हैं कि उकी कंपनी दि बोरिंग कंपनी इस काम को 20 ट्रिलियन डॉलर से 1000 गुना कम लागत पर तैयार कर सकती है।
मौजूदा समय में न्यूयॉर्क शहर से लंदन तक हवाई यात्रा करने में 8 घंटे लगते हैं। न्यूयॉर्क शहर से लंदन के बीच की दूरी 3000 मील या 4800 किलोमीटर है। समुद्र के नीचे पारंपरिक तकनीक से चलने वाली ट्रेनों को कंस्ट्रक्शन लागत को उचित ठहराना भी मुश्किल होगा. क्योंकि इसे बनाने में कई साल लगेंगे। लेकिन एलन मस्क का मानना है कि वैक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी से ये संभव है और इसकी लागत में भारी कमी आ जाएगी।
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