नई दिल्ली। कचरा पूरी दुनिया के लिए एक वैश्विक समस्या है। हर देश कचरा कम करने के लिए अलग-अलग तकनीक और रणनीति पर काम कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत दुनिया में प्लास्टिक कचरे का सबसे अधिक उत्पादन करता है। जी हां! यहां एक साल में 1.02 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जो दूसरे सबसे बड़े प्लास्टिक कचरा उत्पादक के मुकाबले दो गुना से भी अधिक है।
कचरा से हर देश परेशान है। लेकिन कचरा में प्लास्टिक सबसे खतरनाक माना जाता है। एक शोध में दावा किया गया है कि भारत दुनिया में प्लास्टिक कचरे का सबसे अधिक उत्पादन करता है। यहां एक साल में 1.02 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है जो दूसरे सबसे बड़े प्लास्टिक कचरा उत्पादक के मुकाबले दो गुना से भी अधिक है।
ब्रिटेन के लीड्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया हर साल 5.7 करोड़ टन प्लास्टिक प्रदूषण पैदा करती है और इसे सबसे गहरे महासागरों से लेकर सबसे ऊंचे पर्वत शिखर और लोगों के शरीर के अंदर तक फैलाती है। इस अध्ययन के अनुसार इस 5.7 करोड़ टन प्लास्टिक कचरे का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा वैश्विक दक्षिण से आता है। बता दें कि प्लास्टिक कचरा से पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है।
इस अध्ययन के लेखक कोस्टास वेलिस के अनुसार, दुनिया में हर साल इतना प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जो न्यूयॉर्क शहर के सेंट्रल पार्क में एम्पायर स्टेट बिल्डिंग जितनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है। ऊंचा प्लास्टिक कचरे से भरने के लिए हर साल पर्याप्त प्रदूषण होता है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए दुनिया भर के 50 हजार से अधिक शहरों और कस्बों में स्थानीय स्तर पर उत्पादित कचरे की जांच की। अध्ययन के परिणाम बुधवार को नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए दुनिया भर के 50 हजार से अधिक शहरों और कस्बों में स्थानीय स्तर पर उत्पादित कचरे की जांच की है। इस अध्ययन के दौरान ऐसे प्लास्टिक की जांच की गई जो खुले वातावरण में जाता है। दुनिया की 15 प्रतिशत आबादी से सरकार प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने और निपटाने में विफल रहती है। वहीं इस 15 फीसदी आबादी में भारत के 25.5 करोड़ लोग शामिल हैं।
इन शहरों में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा, लागोस सबसे बड़ा खलनायक॥
कोस्टास वेलिस के अनुसार लागोस दुनिया में किसी भी शहर के मुकाबले ज्यादा प्लास्टिक प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं। इसके अलावा नई दिल्ली, लुआंडा, अंगोला, कराची, और मिस्र का काहिरा भी शीर्ष प्लास्टिक प्रदूषणकर्ताओं में शामिल है।
भारत के बाद नाइजीरिया और इंडोनेशिया, चीन चौथे स्थान पर॥
भारत के बाद सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण नाइजीरिया और इंडोनेशिया फैलता है। इस मामले में चीन चौथे स्थान पर है, हालांकि वह कचरे को कम करने में सफलता हासिल कर रहा है। प्लास्टिक प्रदूषक के मामले में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश के अलावा रूस और ब्राजील भी जिम्मेदार है। रिसर्च के मुताबिक अमेरिका 52,500 टन से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के साथ सूची में 90 और जबकि ब्रिटेन लगभग 5,100 टन के साथ 135वें स्थान पर है।
अमेरिका 90, ब्रिटेन 135 स्थान पर॥
अध्ययन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका 52,500 टन से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के साथ सूची में 90 वें जबकि ब्रिटेन लगभग 5,100 टन के साथ 135वें स्थान पर है। वर्ष 2022 में दुनिया के अधिकांश देशों ने महासागरों सहित प्लास्टिक प्रदूषण पर पहली कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि करने पर सहमति व्यक्त की। अंतिम संधि वार्ता नवंबर में दक्षिण कोरिया में होगी।
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