PM मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन में किया स्वागत, दोनों देशों ने डिजिटल-स्टार्टअप काउंसिल स्थापित करने का निर्णय लिया।

नई दिल्ली। मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनवर इब्राहिम ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की। मोदी-इब्राहिम वार्ता का मुख्य फोकस व्यापार और निवेश का विस्तार करना और नए और उभरते क्षेत्रों में सहयोग तलाशना था। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, हमने तय किया है कि भारत-मलेशिया साझेदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में सहयोग की काफी संभावनाएं हैं। वहीं, मलेशिया के प्रधानमंत्री इब्राहिम ने पीएम मोदी को दोस्त और भाई बताया।


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत दौरे पर आए मलेशिया के समकक्ष अनवर इब्राहिम का गले लगाकर स्वागत किया। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुंचे थे। मलेशिया के पीएम के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है। केंद्रीय राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने उनका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से भारत-मलेशिया की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा...?

पीएम मोदी ने मलेशिया को आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन) और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण भागीदार भी बताया। हम इस बात पर सहमत हुए कि भारत और आसियान के बीच मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा समयबद्ध तरीके से पूरी की जानी चाहिए। पीएम का कहना था कि भारत आसियान की केंद्रीयता को प्राथमिकता देता है। हम इस बात पर सहमत हैं कि भारत और आसियान को अपने मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा में तेजी लानी चाहिए। मलेशिया विश्वविद्यालय तिरुवल्लुवर चेयर की स्थापना करेगा। मलेशियाई लोगों को उन्नत पाठ्यक्रमों के लिए सैकड़ों आईटीईसी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी। श्रम पर समझौते से ना सिर्फ भारतीयों की भर्ती में सुधार होगा, बल्कि सुरक्षा में भी सुधार होगा। मलेशिया में लगभग 30 लाख भारतीय प्रवासी हमारे देशों के बीच एक जीवंत पुल हैं। हमने रक्षा क्षेत्र में सहयोग के बारे में बात की. आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे विचार एक जैसे हैं। हम भारत के UPI को मलेशिया के PayNet से जोड़ने के लिए भी काम करेंगे।


पीएम मोदी का कहना था कि हमने एक डिजिटल काउंसिल और एक स्टार्टअप काउंसिल स्थापित करने का निर्णय लिया है। हमारे आर्थिक सहयोग में ज्यादा संभावनाएं हैं। हमें फिनटेक, रक्षा, AI और क्वांटम प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाना चाहिए। आज हमने अपनी साझेदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत और मलेशिया अपनी बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी के 10 साल पूरे कर रहे हैं। दो वर्षों में प्रधानमंत्री इब्राहिम के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया गया। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि हमारे संबंधों को ज्यादा ऊर्जा और प्रोत्साहन मिला है। दक्षिण चीन सागर की स्थिति के स्पष्ट संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा, हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नेविगेशन, ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में हैं।

रिश्तों में गर्मजोशी लाने की कोशिश : पीएम अनवर इब्राहिम


मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम ने पीएम मोदी की तारीफ की और कहा, पीएम मोदी मेरे दोस्त हैं। वे मेरे भाई हैं। यह सिर्फ तब नहीं जब मैं प्रधानमंत्री हूं, बल्कि जब मैं कुछ नहीं था, तब भी वो मेरे एक सच्चे मित्र थे। अनवर इब्राहिम का कहना था कि ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन्हें हमें एक साथ मिलकर तलाशने की जरूरत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले कुछ वर्षों में वो सहयोग नहीं मिल रहा है। हमने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करने की आवश्यकता पर चर्चा की।

मलेशिया के प्रधानमंत्री इब्राहिम ने कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी क्षेत्रों में संबंधों को फिर से मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, "ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें हमें और अधिक गहराई से जाने की जरूरत है।" साल 2022 में प्रधानमंत्री बने इब्राहिम का यह पहला भारत दौरा है। हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि वे चीन के करीब जाना चाहते हैं। भारत और चीन पारंपरिक रूप से प्रतिद्वंद्वी माने जाते रहे हैं। भारत का चीन के साथ लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है।


मोदी की विदेश नीति का एक प्रमुख हिस्सा मलेशिया समेत अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार और आपसी संबंधों को गहरा करना रहा है, ताकि क्षेत्र में बढ़ते चीनी प्रभाव को रोका जा सके। चीन ने तेजी के साथ भारत के कई पड़ोसी देशों के साथ कई समझौते किए हैं।

इब्राहिम के साथ वार्ता के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए मोदी ने जोर दिया कि किस तरह दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ी है और पिछले कुछ सालों में इसमें "नई गति और ऊर्जा" आई है।

मलेशिया के लिए क्यों अहम है भारत..?

मलेशिया आसियान में तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है और साथ ही भारत, मलेशिया के 10 सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। भारत और मलेशिया के बीच मजबूत द्विपक्षीय व्यापार होता आया है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार की बात की जाए, तो यह करीब 20.01 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा है जबकि भारत में मलेशिया का निवेश लगभग 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर है। अप्रैल 2023 से दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में व्यापार समझौता प्रभावी रूप से लागू हो चुका है।

भारत में लगभग 70 मलेशियाई कंपनियां काम करती हैं और मलेशिया में 150 से अधिक भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं। मलेशिया की कुल आबादी में भारतीय समुदाय की कुल जनसंख्या लगभग सात फीसदी है।

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