कोलकाता रेप-मर्डर मामले में RG कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज; अब तक 53 घंटे हुई पूछताछ।
नई दिल्ली। कोलकाता रेप-मर्डर केस की ऑटोप्सी रिपोर्ट में कई अहम खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन हिंसा जैसे कई सबूत मिले हैं। इसके अनुसार, पीड़िता के सिर, चेहरे, गर्दन, हाथ और गुप्तांगों पर 14 से ज्यादा चोटों के निशान हैं। साथ ही मौत की वजह हाथों से गला घोंटना माना गया है। मृत्यु के तरीके को हत्या माना गया है। साथ ही रिपोर्ट में सेक्सुअल असॉल्ट की आशंका भी जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के गुप्तांग में सफेद, गाढ़ा, चिपचिपा तरल पाया गया है और फेफड़ों में रक्तस्राव, खून के थक्के जमने की बात भी कही गई है।
हालांकि, फ्रेक्चर के कोई संकेत नहीं मिले है। जांच के दौरान मिले खून और अन्य तरल के नमूनों को आगे की जांच के लिए भेज दिया गया है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है कि आधी नींद में अचानक हमले के बाद ट्रेनी डॉक्टर ने बचाव के लिए चीखने की कोशिश की होगी, मगर आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया होगा। फिर उसने गला भी घोंटा। इस कारण ट्रेनी डॉक्टर की थायरॉयड कार्टिलेज भी टूट गया।
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी मामले में सवालों के घेरे में आए कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं। सीबीआई उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। इसी बीच कोलकाता पुलिस ने संदीप घोष के खिलाफ ताला थाने में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ विशेष सचिव देबल कुमार घोष ने एक लिखित शिकायत के जरिए संदीप घोष के खिलाफ यह केस दर्ज कराया है।
अब तक 53 घंटे हुई पूछताछ॥
जानकारी के अनुसार, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर अनियमितता, अवैध कमीशन लेने और नियुक्तियों में हेरफेर के आरोप लगे हैं.आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से जांच एजेंसी लगातार पूछताछ कर रही है। सोमवार को सीबीआई ने डॉ. घोष से 13 घंटे तक पूछताछ की थी। मंगलवार यानी पांचवें दिन फिर CBI की टीम संदीप घोष से पूछताछ कर सकती है। पिछले 4 दिनों में संदीप घोष से 53 घंटे की पूछताछ हो चुकी है। सीबीआई की जांच में संदीप घोष को अहम कड़ी माना जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में अस्पताल की भूमिका और अस्पताल से जुड़े तमाम किरदार पर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
अस्पताल की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए SIT
पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए आईपीएस डॉक्टर प्रणव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद इसका गठन किया गया है।
पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित टीम का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी और पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर प्रणव कुमार करेंगे। टीम में मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रजा, सीआईडी के डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस की डीसीपी इंदिरा मुखर्जी जैसे सदस्य भी शामिल होंगे। इस टीम को संस्था के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच का काम सौंपा गया है।
आरोपी संजय की पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए 60 सवाल तैयार॥
सीबीआई कोलकाता रेप-मर्डर केस में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी। जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने इस टेस्ट के लिए 60 से अधिक सवालों की एक लिस्ट तैयार की है। जरूरत पड़ी तो पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आरोपी का ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट भी करवा सकती है। 22 अगस्त को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी।
यह सिर्फ एक वारदात नहीं, डॉक्टरों की सुरक्षा का मामला है- सीजेआई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस की सुनवाई शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत:संज्ञान लिया है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि यह देश भर के डॉक्टरों की सुरक्षा का मामला है। यह महज एक वारदात का मामला नहीं है।
10 सदस्यीय टास्क फोर्स में होंगे एम्स के डायरेक्टर॥
सुप्रीम कोर्ट ने 10 सदस्यों वाली नेशनल टास्क फोर्स बनाई है। फोर्स में कैबिनेट सेक्रेटरी, हेल्थ सेक्रेटरी के अलावा एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास, डॉ. सोमाकिरा, डॉ. गोवर्धन दत्त, डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, प्रो. अनीता सक्सेना और डॉ.पद्मा श्रीवास्तव शामिल हैं। टास्क फोर्स तीन महीने में अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने में सुप्रीम कोर्ट को फाइनल रिपोर्ट देगी।
डॉक्टरों की सुरक्षा बड़ा राष्ट्रहित का मामला, हम एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकते॥
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। डॉक्टरों की सुरक्षा बड़ा राष्ट्रहित का मामला है। हॉस्पिटल में यौन उत्पीड़न की कई घटनाएं हुईं। पहले भी स्वास्थकर्मियों के साथ हिंसा की घटनाएं हुईं। हम इसे चुपचाप नहीं देख सकते हैं। अरुणा शानबाग का मामला चर्चित रहा है। हम एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकते हैं। काम के हालात में सुधार जरूरी है। हम डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर बल प्रयोग नहीं किया जाए।
7000 लोग अस्पताल में कैसे घुसे, सीबीआई से मांगी स्टेटस रिपोर्ट॥
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि अस्पताल में 7000 लोग घुसे, पुलिस क्या कर रही थी? प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? यह बहुत ही गंभीर वारदात हुई है। हम सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं। हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं।
कौन है संदीप घोष॥
संदीप घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल हैं. कोलकाता का ये वही अस्पताल है जहां काम करने वाली ट्रेनी डॉक्टर के साथ हैवानियत को अंजाम दिया गया। कोलकाता से लगभग 80 किमी दूर स्थिति बनगांव में जन्मे और पले-बढ़े डॉ। घोष ने अपनी पढ़ाई 1989 में बनगांव हाई स्कूल से पूरी की। बाद में उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की शिक्षा हासिल की और 1994 में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की। शुरुआती शिक्षा और व्यावसायिक यात्रा काफी अच्छी रही। हालांकि डॉ. घोष का बाद का करियर विवादों से भरा हुआ है।
घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को कई शिकायतें भेजी जा चुकी हैं। एक जांच भी बिठाई गई थी। नतीजा यह हुआ कि दो बार घोष का ट्रांसफर हुआ और दोनों बार वह ट्रांसफर ऑर्डर को पलटवाने में कामयाब रहा। संदीप घोष पर पोस्टमार्टम के लिए रखी गई लाशों के गैर-कानूनी इस्तेमाल जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। कई बार कॉलेज के स्टाफ ने स्वास्थ्य विभाग को इसे लेकर पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।