PDP ने जारी की 8 उम्मीदवारों की पहली सूची, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा करेंगी पॉलिटिक्स में डेब्यू; जानिए इनके बारे में...
नई दिल्ली। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में आगामी तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए जिन आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, उनमें इल्तिजा मुफ्ती भी शामिल हैं। इल्तिजा मुफ्ती परिवार की पारंपरिक सीट बिजबेहरा से चुनाव लड़ेंगी। वह वरिष्ठ पार्टी नेता अब्दुल रहमान वीरी की जगह लेंगी, जिन्होंने 1999 से 2018 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और अब उन्हें अनंतनाग पूर्व से स्थानांतरित कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती अपना चुनावी डेब्यू करने जा रही है। इल्तिजा, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पारंपरिक पारिवारिक गढ़ बिजबेहड़ा से चुनाव लड़ेंगी। पीडीपी के राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली इल्तिजा, पार्टी प्रमुख की मीडिया सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं।
महबूबा बेटी को सौंप रहीं राजनीतिक विरासत॥
पीडीपी के सूत्रों के अनुसार, यह कदम महबूबा मुफ्ती की ओर से अपनी राजनीतिक विरासत को बेटी को सौंपने की दिशा में पहला कदम है, क्योंकि महबूबा खुद अब मेंटर की भूमिका में आ रही हैं और उन्होंने खुद विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।
ये 8 नामों की लिस्ट जारी...
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपने निर्वाचन क्षेत्र प्रभारियों की सूची जारी की है। पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन हंजुरा ने ये सूची जारी की है।
- अनंतनाग पूर्व - अब्दुल रहमान वीरी
- देवसर - सरताज अहमद मदनी
- अनंतनाग - डॉ. महबूब बेग
- चरार-ए-शरीफ - घ. नबी लोन हंजुरा
- बिजबेहड़ा - इल्तिजा मुफ्ती
- वाची - घ. मोहिउद्दीन वानी
- पुलवामा - वहीद-उर-रहमान पारा
- त्राल - रफीक अहमद नाइक
पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन हंजुरा ने इस सूची की पुष्टि की और इसे पार्टी के आधिकारिक पत्र के माध्यम से जारी किया गया है। पार्टी ने यह कदम चुनावी तैयारियों के तहत उठाया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के प्रभारी समर्पित रूप से कार्य कर सकें।
कौन हैं इल्तिजा मुफ्ती ?
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (37) अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने जा रही हैं। इल्तिजा दक्षिण कश्मीर के बिजबेहड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, जो मुफ्ती परिवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। इल्तिजा दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और यूनाइटेड किंगडम के वारविक विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री हासिल कर चुकी हैं।
पहली बार कब सुर्खियों में आई थीं इल्तिजा?
इल्तिजा पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्हें अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद महबूबा मुफ्ती की हिरासत के दौरान मीडिया सलाहकार नियुक्त किया गया था। अगस्त 2019 में, जब पूरे कश्मीर में संचार साधनों पर रोक लगी हुई थी, तब इल्तिजा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक साहसिक पत्र लिखकर पूछा था कि उन्हें अपने श्रीनगर स्थित आवास में क्यों नजरबंद रखा गया था।
कश्मीर में लगातार हो रही थी चुनाव की मांग॥
बतादे की, 2019 में धारा 370 खत्म कर दिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था। तभी से वहां के राजनीतिक दल लगातार राज्य का दर्जा वापस दिये जाने की मांग कर रहे थे। सरकार की तरफ से बार बार यही कहा जा रहा था कि पहले चुनाव होंगे और उसके बाद ही राज्य का दर्जा वापस मिलेगा।
पिछली बार 2014 में हुए थे चुनाव॥
राज्य पुनर्गठन के पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव आखिरी बार साल 2014 में हुए थे। तब जम्मू कश्मीर विधानसभा की 87 सीटों के लिए करीब 65 फीसदी वोटिंग हुई थी। चुनाव नतीजों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे ज्यादा 23 फीसदी वोट मिले थे लेकिन पार्टी 25 सीटों के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बाद दूसरे नंबर रही थी। पीडीपी तब 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
इसके अलावा डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी। सीपीआईएम एक सीट जीतने में सफल रही थी। तब पीडीएफ के एक उम्मीदवार को भी जीत मिली थी और तीन निर्दलीय भी विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे। दो सबसे बड़ी पार्टियों पीडीपी और बीजेपी साथ आए और गठबंधन सरकार बनाई। साल 2018 में ये गठबंधन टूट गया था जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था।
जम्मू कश्मीर के प्रमुख सियासी दल॥
जम्मू कश्मीर में प्रमुख नेताओं और दलों की बात करें तो कांग्रेस और बीजेपी के अलावा, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, अल्ताफ बुखारी की 'अपनी पार्टी', और लंबे समय तक कांग्रेस में रहे गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी प्रमुख दल हैं। इसके अलावा, सज्जाद लोन की जम्मू-कश्मीर पीपल कॉन्फ्रेंन्स और लोकसभा चुनाव जीतने वाले इंजीनियर रशीद की पार्टी आवामी इत्तेहाद पार्टी शामिल है. राशिद की पार्टी उत्तरी कश्मीर में अपना जनाधार लगातार बढ़ाते जा रही है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में मतदान को लेकर भारी उत्साह नजर आया था। श्रीनगर में मतदान ने नया रिकॉर्ड बना दिया था तो वहीं केंद्र शासित प्रदेश की अन्य सीटों पर भी मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा गया।