काफिला छोड़कर उबर कैब में बैठे राहुल गांधी: ड्राइवर बोला- दिल्ली के सारे फ्लाईओवर कांग्रेस ने बनवाए, राहुल बोले- हां, आसमान से तो नहीं गिरे।
नई दिल्ली। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली में उबर कैब में बैठे। उन्होंने अपने फोन से 10, जनपथ के लिए टैक्सी बुक की। इसके लिए उन्होंने 438 रुपए किराया दिया। टैक्सी में राहुल ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे और यात्रा के दौरान ड्राइवर से बातचीत की। राहुल ने करीब 12 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया X पर शेयर किया।
लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उत्साह में जबरदस्त इजाफा हुआ है। यही कारण है कि वह अलग-अलग लोगों से लकातार मुलाकात कर रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह एक लोकप्रिय राइड-हेलिंग ऐप के माध्यम से कैब बुक कर रहे हैं और वाहन की अगली सीट पर बैठकर राजधानी भर में यात्रा करते हुए ड्राइवर से अपने दैनिक संघर्षों के बारे में बात कर रहे हैं।
राहुल ने एक्स पर लिखा कि आमदनी कम और महंगाई से निकलता दम - ये है भारत के गिग वर्कर्स की व्यथा! सुनील उपाध्याय जी के साथ एक उबेर यात्रा के दौरान चर्चा में और फिर उनके परिवार से मिल कर देश के कैब ड्राइवर और डिलीवरी एजेंट जैसे गिग वर्कर की समस्याओं का जायज़ा लिया। उन्होंने आगे लिखा कि 'हैंड टू माउथ इनकम' में इनका गुज़ारा तंगी से चल रहा है - न कोई बचत और न ही परिवार के भविष्य का आधार। इनके समाधान के लिए कांग्रेस की राज्य सरकारें ठोंस नीतियां बना कर न्याय करेंगी - और INDIA जनबंधन पूरे संघर्ष के साथ इसका देशव्यापी विस्तार सुनिश्चित करेगा।
गांधी ने उपाध्याय को बताया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने कंपनियों को गिग वर्कर्स के लिए पेंशन देने का आदेश दिया है। जब गांधी ने उपाध्याय से पूछा कि वे क्या बदलाव देखना चाहेंगे, तो उपाध्याय ने ड्राइवरों के लिए कटौतियों के बाद इतनी आय की आवश्यकता पर जोर दिया कि वे अपने घर का खर्च चला सकें, और न्यूनतम वेतन की स्थापना की वकालत की।
अब पढ़िए कैब ड्राइवर और राहुल गांधी की पूरी बातचीत...
राहुल: नमस्कार भैया, कैसे हैं आप, क्या नाम है?
ड्राइवरः मेरा नाम सुनील उपाध्याय है। मैं यूपी के एटा से हूं।
राहुल: कैब कब से चला रहे हो और कितनी ड्राइविंग करते हो?
ड्राइवरः करीब पांच साल से टैक्सी चला रहा हूं। 12-12 घंटे हो जाते हैं। कभी-कभी तो दो दिन तक गाड़ी में ही रहता हूं। जहां कोई गाड़ी नहीं जाती। वहां ओला-उबर जाती है। एक दिन सड़क पर बोनट तक पानी था, लेकिन कस्टमर गाड़ी से नहीं उतरा।
राहुल: आपने कहां तक पढ़ाई की है?
ड्राइवरः मैंने ग्रेजुएशन किया है। फिर आईटीआई किया, यामाहा में एक साल अप्रेंटिस भी की। फिर उन्होंने निकाल दिया।
राहुल: आपको नहीं लगता कि चुने हुए लोग अमीर होते जा रहे हैं।
ड्राइवरः सर वही सिस्टम चल रहा है।
राहुल: राजस्थान में हमारी सरकार ने नियम बनाया था कि कैब ड्राइवर के हर ट्रांजैक्शन में कुछ पैसा पेंशन में कटेगा।
ड्राइवरः ये बहुत सही नियम है। कम से कम उसे कुछ राहत तो मिलेगी।
राहुल: हमारी तेलंगाना और कर्नाटक में सरकार है, वो दो काम बताइए जो हम वहां कर सकते हैं
ड्राइवरः गाड़ी चलाने वाले के पास कुछ मिनिमम पैसा बचना चाहिए।
ड्राइवरः वैसे मैने सपने में भी नहीं सोचा था कि आप मेरी गाड़ी में बैठेंगे। आपको सिर्फ टीवी में देखा था। मैंने अपने जीवन में पहला वोट कांग्रेस को दिया था। 60 सालों से कांग्रेस ही तो रही है। शुरुआत में कुछ नहीं था, ये सब कांग्रेस ने ही तो बनाया। दिल्ली में सारे फ्लाईओवर शीला दीक्षित जी ने ही बनवाए थे।
राहुल: सही बात है, आसमान से तो नहीं गिरे।
राहुल: वैसे काम के लिए सबसे अच्छा सीजन कौन सा होता है
ड्राइवरः वो दिन चले गए, अब ऐसा कोई दिन नहीं आया, जब 5000 रुपए कमाई हुई हो। सुबह से ये मेरी पहली राइड है।
राहुल ने ड्राइवर को गिफ्ट दिया, परिवार के साथ खाए छोले-भटूरे॥
राइड खत्म होने के बाद राहुल ने ड्राइवर को गिफ्ट दिया। बाद में उसके परिवार को नाश्ते के लिए इनवाइट किया। राहुल एक रेस्टोरेंट में परिवार से मिलने गए। उन्होंने सभी के लिए छोले-भटूरे, पापड़ी चाट, आलू की टिक्की और गोलगप्पे मंगवाए। सभी ने साथ में खाया। इस दौरान राहुल ने ड्राइवर की पत्नी से पूछा कि बच्चों को स्कूल भेजते हो।
पत्नी ने कहा- एक बच्चे को भेजते हैं। बेटी नहीं जाती। इतनी महंगाई में कुछ बचता ही नहीं है। राशन, घर के किराए में सबकुछ चला जाता है।