
पाकिस्तान में जन्माष्टमी के दिन वाहनों को रोककर यात्रियों को उतारा, हमलावरों ने चुनकर 70 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा।
बलूचिस्तान। पाकिस्तान में बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सशस्त्र हमलावरों ने बसों, ट्रकों और अन्य वाहनों को रोककर उनमें सवार यात्रियों को उतारा और उनमें से 70 से ज्यादा लोगों की निर्मम हत्या कर दी। घटना बलूचिस्तान के नुशकी जिले में हुई, जो पाकिस्तान का एक पहाड़ी और अस्थिरता से जूझ रहा इलाका है और यहां ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। जानकारी के अनुसार हमलावरों ने वाहनों को रोककर यात्रियों के पहचान पत्र जांचे और फिर कुछ चुनिंदा लोगों को उतारकर गोली मार दी। इस हमले में 23 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। कहा जा रहा है कि इश इलाके में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय से जुड़े लोग रहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कम से कम 23 लोगों को बस से उतारकर उनकी पहचान की और जांच करने के बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अयूब अचकजई ने बताया कि हत्याएं बलूचिस्तान प्रांत के एक जिले मुसाखाइल में रात में हुईं। हमलावरों ने घटनास्थल से भागने से पहले कम से कम 10 वाहनों को जला दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को अस्पताल पहुंचाया।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवाद की घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने आतंकवादियों के कायराना कृत्य में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना और संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आतंकवादी और उनके मददगार एक अनुकरणीय अंत से बच नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान सरकार आतंकवादियों का पीछा नहीं छोड़ेगी।
बता दें कि बलूचिस्तान प्रांत पहले से ही हिंसा और विद्रोही गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है इस क्षेत्र में लंबे समय से सांप्रदायिक और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है और दमनकारी पाक सरकार व सेना के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं ।
सहायक आयुक्त मुसाखेल के मुताबिक, हमला पंजाब के लोगों को निशाना बनाकर किया गया। इसी तरह का हमला लगभग चार महीने पहले भी हुआ था। अप्रैल के महीने में नोशकी के पास एक बस से नौ यात्रियों को उतार दिया गया था और बंदूकधारियों ने उनके आईडी कार्ड की जांच करने के बाद उन्हें गोली मार दी थी।
सहायक आयुक्त मूसाखेल नजीब काकर के अनुसार, इसी तरह पिछले साल अक्टूबर में अज्ञात बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान के केच जिले के तुरबत में पंजाब के छह मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, ये टारगेट किलिंग थी. सभी पीड़ित दक्षिणी पंजाब के अलग-अलग इलाकों से थे, जिससे पता चलता है कि उन्हें उनकी जातीय पृष्ठभूमि के कारण चुना गया था।
इसी तरह की एक घटना 2015 में हुई थी, जब बंदूकधारियों ने तुरबत के पास मजदूरों के शिविर पर सुबह-सुबह हमला करके 20 निर्माण मजदूरों की हत्या कर दी थी और तीन अन्य को घायल कर दिया था।

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