कोलकाता केस में बड़ा अपडेट : लेडी डॉक्टर के साथ नहीं हुआ था गैंगरेप, CBI रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा- आरोपी संजय रॉय हवसी दरिंदा।

कोलकाता\नई दिल्ली। क्या आरजी कर हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से गैंगरेप हुआ था? यह सवाल अलग-अलग हलकों में घूम रहा है। इस मामले में अब तक केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज (22 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद AIIMS के डॉक्टरों ने 11 दिन से चल रही हड़ताल खत्म कर दी है।


इससे पहले CJI ने कहा था कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा।


CJI ने कहा कि हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करे।

क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई : CBI


सुनवाई के दौरान CBI ने कोर्ट में कहा- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी। मामले में अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।

सीबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डॉक्टर के साथ 'सामूहिक बलात्कार' नहीं हुआ था। अपराध में केवल एक व्यक्ति शामिल था। सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। सीबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गिरफ्तार संजय का इस घटना से संबंध है।

मृतक डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं॥

सीबीआई के एक सूत्र के मुताबिक, मृतक डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं हुआ था। गिरफ्तार किया गया शख्स संजय रॉय ही इस घटना से जुड़ा है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी यही दावा किया गया है। डीएनए रिपोर्ट से संकेत मिला कि दुष्कर्म में एक व्यक्ति शामिल था। दरअसल इस घटना में संजय राय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

रिपोर्ट में 150 ग्राम सीमन का जिक्र नहीं॥

आरजी घटना के सामने आने के बाद यह कहा जा रहा था कि ऐसी संभावना है कि इस घटना में कोई एक व्यक्ति शामिल नहीं है। मृत डॉक्टर के शरीर से करीब 150 ग्राम सीमन मिला है, जिससे कई डॉक्टर घटना में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, शव परीक्षण रिपोर्ट में 150 ग्राम सीमन प्राप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है। शव परीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टर के एंडोसर्विकल कैनाल में गहरे सफेद रंग का तरल पदार्थ पाया गया। मृतक डॉक्टर के शरीर पर चोट के 16 निशान हैं। सिर, गाल, नाक, भीतरी होंठ, बाएं कंधे और हाथ, बाएं घुटने और प्राइवेट पार्ट पर निशान पाए गए। फेफड़ों में खून का थक्का जम गया था।

मामले में कोई दूसरी गिरफ्तारी नहीं॥

हालांकि, सीबीआई इस रिपोर्ट को अंतिम नहीं मान रही है। मालूम हो कि सीबीआई इस फॉरेंसिक रिपोर्ट को कई विशेषज्ञों से सत्यापित कराएगी। 13 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी मामले में कोई दूसरी गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि, आरजी कर के लिए आंदोलन कर रहे डॉक्टरों से लेकर पीड़ित के माता-पिता तक बार-बार संदेह जता चुके हैं कि घटना में एक से अधिक लोग शामिल हैं।

आरोपी संजय राय ने कबूला अपना गुनाह॥


सिविक वालंटियर संजय को कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कई अन्य सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी फुटेज में संजय को घटना वाले दिन कई बार अस्पताल के आपातकालीन विभाग की इमारत में प्रवेश करते और बाहर निकलते देखा गया है। सीसीटीवी फुटेज से इस बात के भी सबूत मिले हैं कि डॉक्टर की मौत के वक्त संजय अस्पताल के अंदर ही था। इसके अलावा कोलकाता पुलिस की ओर से दावा किया गया कि पूछताछ के दौरान संजय ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

संजय रॉय हवसी दरिंदा, लेडी डॉक्टर को मारकर भी नहीं है पछतावा : CBI

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान संजय रॉय ने जरा भी पछतावा नहीं दिखाया। वह सेक्सुअल परवर्ट यानी हवसी दरिंदा लगता है। सीबीआई ने संजय रॉय का साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाया है। दरअसल, कोलकाता कांड की जांच सीबीआई कर रही है और इस मामले को लेकर देशभर में गुस्सा है।

रेड लाइट एरिया जाता रहता था संजय रॉय॥

साइकोलॉजिकल टेस्ट के दौरान संजय से कई सवाल किए गए थे। उसके मोबाइल फोन से मिले पॉर्न वीडियो को लेकर भी सवाल हुए थे। संजय रॉय ने इस टेस्ट के दौरान यह भी बताया की वो रेड लाइट एरिया जाता रहता था। उसने कबूल किया की वारदात के दिन पॉर्न वीडियो देखे थे। साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी टेस्ट के दौरान एक्सपर्ट्स ने यह आंकलन किया है की संजय SATYRIASIS Hypersexuality नाम की एक बीमारी से ग्रस्ति हो सकता है।

क्या है SATYRIASIS हाइपरसेक्सुअलिटी ?

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये एक डिसऑर्डर है। जो ब्रेन के फंक्शन में हुई गड़बड़ी के कारण होता है। एम्स दिल्ली के मनोरोग विभाग के पूर्व डॉ. राजकुमार बताते हैं की हाइपरसेक्सुअलिटी एक दिमागी समस्या है। दिमाग के पाथवे में बदलाव होने से ऐसा हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति के ब्रेन के पाथवे में कोई चेंज आता है तो उसको ऐसी समस्या हो जाती है। ऐसे व्यक्ति का खुद की एक्टिविटी पर कंट्रोल नहीं रहता है।

कई मामलों में ब्रेन में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर के फंक्शन में गड़बड़ी के कारण भी ऐसा होता है। ब्रेन में सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन होते हैं। यह व्यक्ति के मूड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जब ये संतुलन से बाहर हो जाते हैं, तो यौन इच्छा और व्यवहार प्रभावित हो सकता है। अगर न्यूरोट्रांसमीटर के फंक्शन बिगड़ने का असर यौन इच्छाओं पर पड़ता है तो यह हाइपरसेक्सुअलिटी डिसऑर्डर का कारण बन सकता है।

डिमेंशिया बीमारी के कारण भी ऐसा हो सकता है। क्योंकि डिमेंशिया में ब्रेन के उन हिस्सों पर असर पड़ता है जो शरीर के हार्मोन को कंट्रोल करते हैं।

यौन इच्छा पर नहीं रहता कंट्रोल॥

हाइपरसेक्सुअलिटी के कारण व्यक्ति को अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल नहीं होता है। इसकी वजह से व्यक्ति अकसर परेशान रहता है और अलग-अलग तरीके से अपनी यौन इच्छाओं को पूरा करता है। अगर ये पूरी नहीं हो पाती है तो व्यक्ति मानसिक रूप से भी परेशान हो सकता है।

डॉ राजकुमार बताते हैं कि हाइपरसेक्सुअलिटी से ग्रस्ति व्यक्ति हस्तमैथुन, पोर्न वीडियो के जरिए भी अपनी यौन इच्छा को पूरा करता है। ऐसे व्यक्ति के दिमाग में हमेशा गंदे ख्याल की आते हैं। अगर किसी कारण उसकी यौन इच्छा पूरी न हो तो इसकी पूर्ति के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है। उस व्यक्ति को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है की उसका व्यवहार उसके जीवन, करियर, आसपास के लोगों को और उसके खुद के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

किसी भी तरह का अपराध कर सकता है॥

गाजियाबाद के जिला अस्पताल में मनोरोग विभाग में डॉ. एके कुमार बताते हैं की हाइपरसेक्सुअलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित कुछ इंसान हर दिन अपनी यौन इच्छा किसी न किसी तरह पूरी करना चाहता है। ऐसे व्यक्ति शरीर की जरूरत पूरी करने के लिए किसी भी तरह का अपराध कर सकता है और उसके मन में अफसोस तक नहीं होता है।

हाइपरसेक्सुअलिटी डिसऑर्डर के कारण ब्रेन कुछ अलग तरीके से काम करता है। इस कारण किसी अपराध को करने के दौरान या बाद में भी उसके बारे में व्यक्ति ज्यादा सोचता नहीं है। अगर किसी कारण यौन इच्छा पूरी नहीं हो पाती है तो इस कारण व्यक्ति की मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। वह इससे डिप्रेशन में जा सकता है।

क्या इसका कोई इलाज है?

इस समस्या का इलाज मुमकिन है.एल। डॉक्टर काउंसलिंग और दवाओं की मदद से इसको कंट्रोल करते हैं। हाइपरसेक्सुअलिटी डिसऑर्डर से बचाव भी कुछ हद तक हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति में यौन इच्छा सामान्य से ज्यादा है तो उसको इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। शुरू में समस्या की पहचान करने और उनका इलाज करने से इस समस्या को बदतर होने से रोकने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा यह भी जरूरी है कि अगर शराब या अन्य किसी प्रकार के नशे की लत है तो उसे कंट्रोल करें। क्योंकि ये चीजें ब्रेन में केमिकल इंबैलेंस का कारण बनती हैं। जिससे ऐसे डिसऑर्डर होने का रिस्क रहता है।

डॉ कुमार बताते हैं कि ऐसी समस्या ब्रेन के फंक्शन में गड़बड़ी के कारण होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप मानसिक सेहत का ध्यान जरूर रखें और ऐसी किसी परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह समय पर जरूर लें। नहीं तो ये बीमारियां समाज के लिए खतरा बन जाती है और आपराधिक घटनाओं का कारण बनती हैं। इतिहास में साइको किलर या गैंपरेप के कई मामलों में आरोपियों में इसी तरह के डिसऑर्डर मिलते है। कई मामलों में बचपन में हुई परवरिश भी ऐसी समस्या का कारण बन जाती है। अधिकतर मामलों में व्यक्ति को यह पता नहीं चल पाता है कि उसको ऐसी कोई समस्या है।

साइकोलॉजिकल टेस्ट क्या होता है?

यह आरोपी की जांच करने का एक मनो वैज्ञानिक तरीका होता है, जिसमें आरोपी के मानसिक व्यवहार का पता लगाया जाता है। इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति का सही तरीके से आंकलन किया जाता है, देखा जाता है की उसकी सोच कैसी है। आम लोगों के साथ व्यवहार कैसा है और वह कितना शांत या गुस्से वाला है। यह टेस्ट मनोरोग विशेषज्ञ और साइकोलॉजिकल एक्सपर्ट्स करते हैं. इस दौरान आरोपी को कई तरह की फोटो दिखाई दाती है। जिसमें धब्बे, अलग- अलग रंग के कलर वाली फोटो होती है। इससे आंकलन किया जाता है की आरोपी के सोचने और समझने की क्षमता कैसी है। इस टेस्ट के दौरान केस से संबंधित कई सवाल किए जाते हैं और देखा जाता है की वह इनका जवाब कैसा दे रहा है।

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