सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर रोक लगाई: कहा- इनसे इंसानों को खतरा; आप भी तो नहीं करते हैं इस्तेमाल?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुखार, सर्द, एलर्जी और दर्द के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि ये दवाएं इंसान के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसलिए देशभर में इन दवाओं के प्रोडक्शन, कंजम्पशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक रहेगी। एफडीसी दवाएं दो या दो से ज्यादा दवाओं को निश्चित फार्मास्युटिकल अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है।

सरकार ने ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों पर यह आदेश जारी किया है। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन FDC दवाओं में मौजूद इन्ग्रेडिएंट्स का कोई मेडिकल जस्टिफिकेशन नहीं है। एक ही गोली में एक से ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाई गई दवाएं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग्स (FDC) कहलाती हैं, इन दवाओं को कॉकटेल ड्रग्स के नाम से भी जाना जाता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 12 अगस्त को जारी किए गजट अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने शीर्ष फार्मा कंपनियों द्वारा निर्मित दर्द से राहत दिलाने वाली दवाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रसिद्ध दवा 'एसिक्लोफेनाक 50 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 125 मिलीग्राम टैबलेट' पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इन दवाओं पर भी लगा प्रतिबंध॥

इस लिस्ट में मेफेनैमिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन, सेटीरिज़िन एचसीएल + पैरासिटामोल + फिनाइलफ्राइन एचसीएल, लेवोसेटिरिज़िन + फेनिलफ्राइन एचसीएल + पैरासिटामोल, पैरासिटामोल + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फिनाइल प्रोपेनॉलमाइन और कैमिलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 300 मिलीग्राम भी शामिल हैं।

केंद्र ने पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के कॉम्बिनेशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रामाडोल एक ओपिओइड-आधारित पेन किलर दवा है।

मौजूद हैं सुरक्षित विकल्प॥

केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, "केंद्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवा के इस्तेमाल से इंसानों को खतरा हो सकता है, जबकि उक्त दवा के सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं।" इसमें कहा गया है कि इस मामले की जांच केंद्र द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई थी जिसने इन एफडीसी को "तर्कहीन" माना था।

हेयर ट्रीटमेंट, स्किनकेयर और एंटी-एलर्जिक दवाएं भी शामिल॥

केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, एमाइलेज, प्रोटीएज, ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, सेल्युलेस, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनस, हेमिकेल्यूलेस, माल्ट डायस्टेज, इनवर्टेज और पापेन के इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है।

बैन की गई दवाओं की लिस्ट में हेयर ट्रीटमेंट, एंटीपैरासिटिक (परजीवियों के इन्फेक्शन में इस्तेमाल), स्किनकेयर, एंटी-एलर्जिक के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने कहा इन दवाओं के बदले दूसरी दवाएं मार्केट में उपलब्ध हैं। उन पर कोई रोक नहीं रहेगी।

पैरासिटामोल 125mg टैबलेट भी बैन॥

हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, बैन की गई दवाओं में एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg टैबलेट' पर प्रतिबंध लगा दिया है। पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के कॉम्बिनेशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रामाडोल एक ओपिओइड-बेस्ड पेन किलर है।

इन FDC दवाओं पर भी प्रतिबंध॥

  • मेफेनामिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन
  • सेटिरिजिन HCL + पैरासिटामोल + फेनिलफ्रीन HCL
  • लेवोसेटिरिजिन + फेनिलफ्रीन एचसीएल + पैरासिटामोल
  • पैरासिटामोल + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फेनिल प्रोपेनोलामाइन
  • कैमिलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 mg + पैरासिटामोल 300mg 

DTAB ने की थी जांच की सिफारिश॥

इसमें आगे कहा गया है कि शीर्ष पैनल ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने भी इन एफडीसी की जांच की सिफारिश की थी। इन एफडीसी में निहित सामग्रियों के लिए कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है।

अधिसूचना में कहा गया है, "एफडीसी से इंसानों को खतरा हो सकता है. इसलिए व्यापक जनहित में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 26 ए के तहत इस एफडीसी के निर्माण, बिक्री या वितरण पर रोक लगाना जरूरी है।"

डीटीएबी की सिफारिशों के बाद अधिसूचना में कहा गया है कि "केंद्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि देश में उक्त दवा के इंसानों के इस्तेमाल के लिए निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगाना सार्वजनिक हित में आवश्यक है।"

IPA सेक्रेटरी जनरल ने कहा- मरीजों के हित में सही कदम

इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। IPA के सेक्रेटरी जनरल सुदर्शन जैन ने बताया कि यह कई सालों से चल रहा है। यह मरीजों के हित में एक सही कदम है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखा गया है।

जैन ने कहा कि सरकार की ओर से इन दवा बनाने वालों को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया गया था। इसलिए सही प्रोडक्ट्स जारी रहेंगे और जब इन दवाओं का सपोर्ट करने के लिए कोई डेटा नहीं है तो कंपनियों को इसे वापस लेना होगा।

इससे  पहले पिछले साल जून 2023 में 14 एफडीसी पर प्रतिबंध लगा दिया था। सूत्रों ने कहा कि हाल ही में प्रतिबंधित किए गए कई एफडीसी भी उन 344 दवा कॉम्बिनेशन में से थे। सरकार ने 2016 में 344 दवा कॉम्बिनेशन के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि उन्हें वैज्ञानिक डेटा के बिना रोगियों को बेचा जा रहा था. दवा बनाने वाली कंपनियों ने आदेश को अदालत में चुनौती दी थी।

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