German Chancellor Olaf Scholz से मिले PM Modi, कहा- हमारा रिश्ता लेन-देन वाला नहीं, आपसी सहयोग और विश्वास का है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ मुलाकात की, जिसमें द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। मोदी ने अपने आधिकारिक निवास पर स्कोल्ज़ का स्वागत किया, और दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान किया। स्कोल्ज़ तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंचे थे, जहां उनका स्वागत केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से मुलाकात पर कहा कि मैं भारत और जर्मनी के बीच 7वें अंतर-सरकारी परामर्श में आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूँ। यह आपकी तीसरी भारत यात्रा है और सौभाग्य से, यह मेरे तीसरे कार्यकाल की पहली IGC है। एक तरह से, यह हमारी मित्रता का तिहरा उत्सव है। 


उन्होंने कहा कि 2022 में बर्लिन में पिछली IGC में, हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। दो वर्षों में, हमारे सामरिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में बढ़ता सहयोग आपसी विश्वास का प्रतीक बन गया है। 

मोदी ने कहा कि विश्व तनाव, संघर्षों और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कानून का शासन और नेविगेशन की स्वतंत्रता को लेकर भी गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी मजबूत एंकर के रूप में उभरी है। 

उन्होंने कहा कि यह कोई लेन-देन वाला रिश्ता नहीं है, यह दो सक्षम और सशक्त लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में, हम आपके द्वारा जारी की गई भारत पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति का स्वागत करते हैं। मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तारित और उन्नत करने के लिए, हम कई नई और महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और संपूर्ण सरकार से संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जर्मन बिजनेस के एशिया-पैसिफिक सम्मेलन में हिस्सा लिया है और कुछ ही देर में हम CEOs फोरम में भी शामिल होंगे। इन कार्यक्रमों से हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे हमारी अर्थव्यवस्थाएं विविधता लाएंगी और जोखिम कम होगा। यह एक सुरक्षित, भरोसेमंद और स्थायी सप्लाई वैल्यू चेन के निर्माण में सहायक साबित होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए हमने वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए एक मंच तैयार किया है। इसके साथ ही आज ग्रीन हाइड्रोजन का रोडमैप भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच शिक्षा, कौशल विकास और गतिशीलता पर काम हो रहा है, और हम जर्मनी की कुशल श्रम गतिशीलता रणनीति का स्वागत करते हैं। मुझे भरोसा है कि आज की बैठक हमारे संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाएगी।

इससे पहले एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी ने स्किल्ड भारतीयों के लिए हर साल मिलने वाले विजा की संख्या 20 हज़ार से बढ़ाकर 90 हज़ार करने का फैसला किया है। मुझे विश्वास है कि इससे जर्मनी के विकास को नई गति मिलेगी। हमारा आपसी व्यापार 30 बिलियन डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंच गया है। 

उन्होंने कहा कि मैं इस कॉन्फ्रेंस को सिर्फ ट्रेड और निवेश के सीमित दायरे में ही नहीं देखता, मैं इसे इंडो पैसिफिक क्षेत्र और विश्व के बेहतर भविष्य की साझेदारी के रूप में देखता हूं। दुनिया को स्थिरता और सतत विकास की जरूरत है...इंडो पैसिफिक दुनिया के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। इस क्षेत्र का योगदान और क्षमता दोनों बहुत व्यापक हैं।

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