देव दीपावली पर जगमगाई काशी, 25 लाख दीयों से रोशन घाट, सीएम योगी भी मौजूद; देख तस्वीरे!

Dev Deepawali 2024: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देव दिवाली मनाई जा रही है। श्रद्धालुओं ने मां गंगा किनारे 84 घाटों और 700 मठों-मंदिरों में 25 लाख दीये जलाए। 8 घाटों पर करीब 60 मिनट तक ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी हुई। आसमान सतरंगी नजर आया। हर हर महादेव के उद्घोष के साथ लेजर शो ने दीपोत्सव की खूबसूरती और बढ़ा दिया।


भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर के संहार के उपलक्ष्य में देवों द्वारा स्वर्ग में मनाई गई दीपावली ‘देव दीपावली’ का पर्व काशी में अपनी पूरी भव्यता व दिव्यता के साथ मनाया गया।


काशी में देव दीपावली में शामिल होने के लिए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या समेत अन्य राज्यमंत्री व दर्जनों वीवीआईपी व देश-विदेश के पर्यटक पहुंचे। 


लगभग पांच घंटे काशी प्रवास के दौरान उप राष्ट्रपति ने 90 करोड़ से तैयार नमोघाट का लोकार्पण किया। घाट पर दीपक जलाकर महापर्व देव दीपावली का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उप राष्ट्रपति ने अलौकिक रोशनी में गोता लगा रहे गंगा घाटों की छटा निहारी।

सीएम योगी बोले- पीएम मोदी के प्रयासों से आचमन योग्य बना गंगाजल


इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नमो घाट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे देव दीपावली के इस अद्वितीय पर्व के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने गुरुनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस की सभी को शुभकामनाएं दीं। 


मुख्यमंत्री ने काशी के विकास की सराहना करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में काशी ने अपने रूप और पहचान में अद्भुत बदलाव को देखा है। पहले जहां गंगा के जल को स्नान के लिए भी असुरक्षित माना जाता था, वहीं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नमामि गंगे परियोजना के तहत किए गए प्रयासों के कारण जल आचमन के योग्य हो गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसे 'नमो घाट' के रूप में जाना जाता है, उसे काशी की जनता 'नरेन्द्र मोदी घाट' कहकर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपना आभार प्रकट करती है। इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि समारोह में मौजूद रहे।


इससे पहले 21 अर्चकों और 42 रिद्धि-सिद्धि ने मां गंगा की महाआरती की। आरती में रिकॉर्ड एक लाख लोग शामिल हुए। लोग इस पल को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए। दशाश्वमेध, अस्सी घाट पर टूरिस्ट की जबरदस्त भीड़ रही। चलना मुश्किल हो रहा था। देव दिवाली देखने इंडोनेशिया, वियतनाम और फ्रांस समेत 40 देशों के मेहमान आए। अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर से 15 लाख लोग काशी पहुंचे।

2.82 लाख शिव भक्तों ने विश्वनाथ दरबार में लगाई हाजिरी॥


वहीं देव दीपावली के पावन अवसर पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन को भक्त उमड़े। 2.82 लाख शिव भक्तों ने विश्वनाथ दरबार में हाजिरी लगाई। काशीपुराधिपति का दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। भीड़ को देखते हुए स्पर्श दर्शन की व्यवस्था बंद रही। शाम को 25 हजार दीयों की रोशनी से विश्वनाथ कारिडोर जगमगा उठा। 


शुक्रवार की भोर में मंगला आरती के साथ दर्शन पूजन का क्रम शुरू हुआ और देर शाम तक बाबा के दर्शन को भक्तों की कतार लगी रही। मंदिर न्यास के अनुसार देव दीपावली के दिन 2.82 लाख भक्तों ने बाबा के झांकी दर्शन किए।


लोगों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर घर-परिवार के सुख-समृद्धि और समाज के कल्याण और शांति की कामना की। 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ भव्य आयोजन॥


इस भव्य आयोजन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे। गायक और कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। स्थानीय संस्कृति को पहचान दिलाने की पहल यह आयोजन न केवल सासाराम की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त करता है, बल्कि इसे आने वाले वर्षों में और भव्य बनाने की प्रेरणा भी देता है।


श्रद्धालुओं और आयोजकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इसे यादगार बना दिया। सूर्य मंदिर के घाट पर इस तरह के आयोजनों से सासाराम का गौरव बढ़ रहा है और यह ना केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि देशभर के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।

तीन हजार नावों पर सवार होकर डेढ़ लाख सैलानियों ने देखी अनुपम छटा, बाहर से बुलाने पड़े नाविक॥


देव दीपावली पर काशी में नावों, बजड़ों और क्रूज की खूब डिमांड रही। तीन हजार नावों पर सवार होकर डेढ़ लाख से अधिक सैलानियों ने दीपों की रोशनी से जगमग गंगा तट का दीदार किया। नाव संचालन के लिए बाहर से नाविक बुलाने पड़े। 


छह हजार नाविकों ने पर्यटकों को तीन घंटे तक गंगा की सैर कराई। क्रूज और नावें अगले दो दिनों के लिए बुक हैं। नावों की बुकिंग करने वाले सैलानी दोपहर में ही घाटों पर पहुंचने लगे। समय रहते ही नावों पर सवार हो गए। शाम ढलते ही गंगा का किनारा दीपों की आभा से आलोकित हो उठा।

देव दीपावली पर जगमगाई काशी, देखे अद्भुत तस्वीरें...






















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