
निर्मला सीतारमण के खिलाफ कोर्ट का बड़ा आदेश: चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली मामले में दर्ज होगी FIR, कई बड़े नेताओं पर भी आरोप!
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कथित जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। ये आदेश बेंगलुरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने दिया है। जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने बेंगलुरु की अदालत में शिकायत दर्ज कर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की थी।
कई नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज॥
आदर्श अय्यर ने चुनावी बॉन्ड के जरिए धमकी देकर जबरन वसूली का आरोप लगाया है। जन अधिकार संघर्ष परिषद ने पिछले साल अप्रैल में 42वें ACMM कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी के अधिकारियों, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अन्य राष्ट्रीय नेताओं, कर्नाटक के तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कटील और बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत की गई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस थाने को चुनावी बॉन्ड के जरिए कथित जबरन वसूली का मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश॥
बेंगलुरु की अदालत ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर विचार करने के बाद बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बालन ने दलीलें रखीं। मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
क्या है चुनावी बॉन्ड.?
गौरतलाप है कि, केंद्र सरकार ने 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की। इस योजना के तहत सरकार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में नकद दान को खत्म करना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बनी रहे। इसके बाद एसबीआई के चुनावी बॉन्ड के जरिए लोग राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते हैं। लेकिन इसका खुलासा नहीं किया जाता। पिछले साल विपक्षी दलों के आरोपों और इसके खिलाफ तमाम याचिकाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।

Leave a Reply
Cancel ReplyPopular News
VOTE FOR CHAMPION

Who is the Best Actress of 2024

Recent News
Get Latest News
Subscribe to our newsletter to get the latest news and exclusive updates.

Top Categories
-
State
168
-
India
112
-
Uttar Pradesh
86
-
Crime
81
