India’s Cyber Fraud : गृह मंत्रालय के साइबर विंग I4C ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए बड़ा कदम उठाया है। इस कार्रवाई के तहत सरकार ने 6 लाख मोबाइल फोन बंद किए हैं, वहीं 65 हजार साइबर फ्रॉड से जुड़े URLs को भी ब्लॉक किया गया है। सूत्रों की मानें तो साइबर धोखाधड़ी में शामिल करीब 800 एप्लिकेशन्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए गृह मंत्रालय के I4C विंग लगातार बड़े कदम उठा रहा है।
2023 में NCRP (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) को 1 लाख से ज़्यादा इन्वेस्टमेंट स्कैम्स की शिकायतें मिली हैं। पूरे देश में इससे संबंधित करीब 17 हजार FIR दर्ज की गई हैं। जनवरी 2024 से सितंबर 2024 तक डिजिटल अरेस्ट की 6000, ट्रेडिंग स्कैम की 20,043, इन्वेस्टमेंट स्कैम की 62,687 और डेटिंग स्कैम की 1725 शिकायतें मिली हैं।
साइबर विंग ने क्या-क्या लिया एक्शन.?
1. पिछले 4 महीनों में 3.25 लाख Mule Accounts (फ्रॉड करने वाले अकाउंट्स) डेबिट फ्रीज।
2. साइबर अपराध में इस्तेमाल किए जाने वाले 3401 सोशल मीडिया, वेबसाइट, व्हाट्सएप ग्रुप बंद।
3. पिछले कुछ वर्षों में साइबर फ्रॉड के चलते 2800 करोड़ बचाए गए।
4. MHA ने 8 लाख 50 हज़ार साइबर विक्टिम को फ्रॉड से बचाया।
साइबर अपराध से निपटने के कई कदम उठा रही I4C विंग-
1. देश भर में साइबर अपराध से जुड़े मामलों को संभालने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाना।
2. साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों को आसानी से दर्ज करने में मदद करना।
3. साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मदद करना।
4. साइबर अपराध की प्रवृत्तियों और पैटर्न की पहचान करना।
5. लोगों को साइबर अपराध से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करना।
6. फर्जी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की पहचान करके उसके खिलाफ कार्रवाई करना।
7. डिजिटल अरेस्ट पर अलर्ट जारी करना डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को अलर्ट जारी करना।
9. साइबर कमांडो की ट्रेनिंग. अगले पांच सालों में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित और तैयार करना।
क्या है 14C विंग.?
I4C विंग की स्थापना 5 अक्टूबर, 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS डिवीजन) के भीतर सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य देश भर में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का कोऑर्डिनेशन सेंटर स्थापित करना है। यह सेंटर सभी राज्यों के कंट्रोल रूम से जुड़कर हाई प्रायोरिटी केस की मॉनिटरिंग करता है।
यह पोर्टल साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने वाले फर्जी कार्ड और अकाउंट, साइबर क्राइम के रोकथाम, अपराध के विश्लेषण और जांच में सहयोग और समन्वय का काम करता है। CCTV फुटेज मांगने की रिक्वेस्ट इस प्लेटफॉर्म के जरिए भेजा सकती है। साथ ही यह प्लेटफॉर्म तकनीकी और कानूनी मदद भी मुहैया कराता है। इसके लिए पैरा मिलिट्री फोर्स और स्टेट पुलिस के जवानों को चयनित किया गया है।
Leave a Reply
Cancel ReplyRelated News
Popular News
VOTE FOR CHAMPION
Who is the Best Actress of 2024
Recent News
Get Latest News
Subscribe to our newsletter to get the latest news and exclusive updates.
Top Categories
-
State
138
-
India
95
-
Uttar Pradesh
73
-
Varanasi News
73