वाराणसी: धीरेन्द्र महिला पीजी कॉलेज में 'जनसंपर्क' पर कार्यशाला, विशेषज्ञों ने बताएं ब्रांड छवि बनाने के अनोखे तरीके; छात्रों को मिला विशेष सम्मान।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सुंदरपुर स्थित धीरेन्द्र महिला पीजी कॉलेज में सोमवार, 11 नवंबर को ‘जनसंपर्क: रणनीति और युक्तियां’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला डिपार्टमेंट ऑफ मास कम्युनिकेशन और पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया, वाराणसी चैप्टर के सहयोग से आयोजित की गई। इसमें छात्राओं ने विषय-विशेषज्ञों से डिजिटल क्रांति के दौर में जनसंपर्क की कार्यशैली और उससे जुड़ी चुनौतियों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।


कार्यशाला में छात्राओं को विषय-विशेषज्ञों द्वारा डिजिटल क्रांति के युग में जनसंपर्क की कार्य प्रणाली और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान विशेषज्ञों ने डिजिटल युग में जनसंपर्क के बदलते आयामों, तकनीकी उपयोग, और रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला।

व्यक्ति या उत्पाद की ब्रांड छवि निर्माण में जनसंपर्क का महत्वपूर्ण योगदान: प्रोफेसर अनिल कुमार


कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से की गई, जिसके बाद अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया।


इस अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर अनिल कुमार उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी संगठन, व्यक्ति या उत्पाद की ब्रांड छवि निर्माण में जनसंपर्क का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने बताया कि जनसंपर्क न केवल लोगों को जोड़ने का एक प्रभावशाली साधन है, बल्कि यह किसी भी संगठन या उत्पाद को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करने का भी सशक्त माध्यम है।

डॉ. बाला लखोन्द्र ने जनसंपर्क में लिखने, पढ़ने और प्रतिक्रिया की भूमिका पर डाला प्रकाश॥


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. बाला लखोन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि जनसंपर्क के प्रभावी संचालन के लिए लिखना, पढ़ना और उस पर प्रतिक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है।


उन्होंने डिजिटल क्रांति के दौर में इस क्षेत्र में आए बदलावों पर प्रकाश डाला और बताया कि अब वैश्विक उपभोक्ताओं को एक निश्चित दायरे में समेटना संभव हो गया है। डॉ. लखोन्द्र ने सोशल मीडिया, कंटेंट क्रिएशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग को जनसंपर्क के कार्य को सरल बनाने वाले महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में रेखांकित किया।

अनिल जाजोडिया ने जनसंपर्क में संचार, बोलने और नेटवर्किंग पर विद्यार्थियों को दी प्रेरणा॥


PRSI (पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया) वाराणसी चैप्टर के चेयरमैन, श्री अनिल कुमार जाजोडिया ने भी विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।


श्री जाजोडिया ने जनसंपर्क में सार्वजनिक बोलने के कौशल, संचार क्षमता और नेटवर्किंग को महत्वपूर्ण बताते हुए इन पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने विद्यार्थियों को एक प्रभावी जनसंपर्क पेशेवर बनने के लिए इन क्षेत्रों में सुधार करने का सुझाव दिया।

वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी ने 'जनसंपर्क के महत्व' पर दिया जोर॥


वहीं वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी शाकम्भरी नन्द सौंथालिया ने जनसंपर्क को एक प्रभावी माध्यम बताते हुए कहा कि यह दर्शकों से सीधा संवाद स्थापित करने और त्वरित प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करने में मदद करता है।


उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा लेखन तभी संभव है जब हम अधिक पढ़ें, क्योंकि इससे निरीक्षण और सुधार की समझ विकसित होती है। सौंथालिया ने इस क्षेत्र में आने वाली पीढ़ी के लिए कई संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विद्या उन्हें आने वाले समय में बड़े लाभ दे सकती है।

आमजन को जागरूक करने में जनसंपर्क की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. ममता पाण्डेय


कार्यक्रम का आयोजन डॉ. ममता पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनसंपर्क का प्रमुख उद्देश्य आम जनता को शिक्षित और जागरूक करना है, और इस क्षेत्र की भूमिका समाज में बहुत महत्वपूर्ण है।


डॉ. पाण्डेय ने यह भी बताया कि जनसंपर्क के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं और लोगों को सही जानकारी प्रदान की जा सकती है।

कार्यक्रम का उद्देश्य॥


इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल क्रांति के दौर में जनसंपर्क की कार्य प्रणाली और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में जागरूक करना था। इसके अलावा, यह कार्यक्रम जनसंपर्क के महत्व, उसकी रणनीतियों और सामाजिक बदलाव में इसके योगदान पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया।


इसके माध्यम से छात्रों को यह समझने का अवसर मिला कि कैसे जनसंपर्क समाज में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और संगठन, उत्पाद या व्यक्तित्व की ब्रांड छवि को सशक्त बना सकता है।

प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया॥


इस कार्यक्रम के समापन पर प्रेरणा जायसवाल, सलोनी दुबे, दिया रुपाणी, ऋषिका, आंचल सागर, मान्य राय समेत कई प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया।


छात्रों ने उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ कार्यक्रम में भाग लिया, जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि उनकी शिक्षा के प्रति लगन सराहनीय थी।


इस अवसर पर, प्रत्येक प्रतिभागी को उनके योगदान और सीखने के प्रति उनकी मेहनत को सम्मानित करते हुए सर्टिफिकेट दिए गए। छात्रों को सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए आयोजनकर्ताओं ने उनकी सफलता और योगदान की सराहना की।




कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही॥


कार्यक्रम का संचालन मास कम्युनिकेशन की छात्रा कृति मिश्रा ने किया। इस दौरान कॉलेज की प्राचार्या डॉ. नलिनी मिश्रा के अलावा PRSI वाराणसी चैप्टर के अध्यक्ष अनिल कुमार जाजोडिया, बनारस रेल कारखाना के जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार, सनबीम ग्रुप के जनसंपर्क अधिकारी अभिषेक सिंह, डॉ. देव व्रत तिवारी, आशुतोष त्रिपाठी, डॉ. दीपिका यादव, डॉ. प्रवीण पाण्डेय सहित अन्य अतिथियों और छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही।


कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रकाश चैप्टर सचिव प्रदीप कुमार उपाध्याय, कार्यक्रम के कोऑर्डिनेशन में संयुक्त सचिव हर्ष अग्रवाल और कार्यसमिति सदस्य महेश सेठ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

जनसंपर्क: समाज में सकारात्मक बदलाव की शक्ति


जनसंपर्क (Public Relations) एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो किसी भी संगठन, उत्पाद, व्यक्ति या विचारधारा की छवि निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। जनसंपर्क का मूल उद्देश्य लोगों के साथ एक अच्छे और सकारात्मक संबंध स्थापित करना है। यह किसी संगठन, ब्रांड या व्यक्ति की छवि को बेहतर बनाने, उनकी विश्वसनीयता बढ़ाने और उनके बारे में सकारात्मक विचार विकसित करने के लिए किया जाता है।

डिजिटल क्रांति और जनसंपर्क की नई दिशा॥


आजकल, डिजिटल मीडिया ने जनसंपर्क के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। पहले जहां जनसंपर्क के लिए पारंपरिक मीडिया जैसे प्रिंट, रेडियो, और टेलीविजन का उपयोग किया जाता था, वहीं अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, ब्लॉग्स, पोड्कास्ट्स और वेबसाइट्स ने इसे और भी प्रभावी बना दिया है। ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म्स ने जानकारी के आदान-प्रदान को तीव्र कर दिया है और लोगों तक तत्काल पहुँचने का अवसर प्रदान किया है।

इसके साथ ही, कंटेंट क्रिएशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे उपकरणों ने जनसंपर्क की कार्यप्रणाली को सरल और अधिक सटीक बना दिया है। आजकल के PR विशेषज्ञों के पास इन डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके ब्रांड की छवि को आकार देने के लिए अधिक संभावनाएं उपलब्ध हैं।

"जनसंपर्क में स्पष्ट, ईमानदार और सटीक संवाद की महत्वता"


जनसंपर्क (PR) का मुख्य उद्देश्य अपने संगठन या व्यक्ति की सकारात्मक छवि बनाना है। इसके लिए स्पष्ट, ईमानदार और सटीक संवाद बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब हम अपनी बातों को स्पष्ट और सटीक तरीके से प्रस्तुत करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास और भरोसा पैदा करता है। ईमानदारी से जानकारी साझा करने से किसी भी संगठन या व्यक्ति की विश्वसनीयता बढ़ती है। यह सुनिश्चित करता है कि संदेश को सही तरीके से समझा जाए, जिससे सकारात्मक प्रभाव और अच्छे रिश्ते बनते हैं। इस तरह का संवाद जनसंपर्क की सफलता की कुंजी है।

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