वाराणसी स्मार्ट सिटी: धीरेंद्र PG के छात्रों ने त्रिनेत्र भवन, रुद्राक्ष, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का किया दौरा, सीखा तकनीकी उपयोग और सांस्कृतिक विकास की बारीकियां।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित धीरेंद्र महिला पीजी कॉलेज के मांस कम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट के छात्रों ने दिनाक (24 दिसंबर मंगलवार) को काशी के स्मार्ट सिटी अकैडमी ट्रिप पर गए। जहां उन्होंने वाराणसी स्मार्ट सिटी के त्रिनेत्र भवन, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर और वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। इस शैक्षणिक ट्रिप का उद्देश्य स्मार्ट सिटी की उन्नत तकनीकों और सरकारी परियोजनाओं को करीब से समझना था।

त्रिनेत्र भवन का अद्भुत अनुभव:


सबसे पहले छात्र सिगरा पर स्थित वाराणसी स्मार्ट सिटी और त्रिनेत्र भवन ( Trinetra Bhawan ) गए। यहां पर वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी शाकम्भरी नन्द सौंथालिया और अमित विक्रम ओझा ने छात्रों को कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी।

त्रिनेत्र भवन की मुख्य विशेषताएं:

1. कंट्रोल रूम:

शाकम्भरी नन्द सौंथालिया ने बताया कि, त्रिनेत्र भवन में एक उन्नत कंट्रोल रूम है, जहां से पूरे शहर की निगरानी की जाती है। सीसीटीवी कैमरों, जीपीएस ट्रैकिंग और डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, सुरक्षा और अन्य गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है।

2. आईपीएमएस (IPMS) ट्रैफिक सिस्टम:

उन्होंने बताया कि कैसे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) के जरिए ट्रैफिक चालान, सिग्नल मॉनिटरिंग और ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए जाते हैं।


3. डोर-टू-डोर कूड़ा प्रबंधन:

अधिकारियों ने छात्रों को यह भी बताया कि भवन के माध्यम से डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण सेवाओं को ट्रैक किया जाता है। सभी वाहनों में जीपीएस लगे होने से कुशल मॉनिटरिंग और स्वच्छता को सुनिश्चित किया जाता है। 

4. महिला सुरक्षा पर ध्यान:

उन्होंने बताया कि कैसे इस मॉनिटरिंग के कारण हमारे शहर में महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित महसूस करती हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत महिला और बाल सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। त्रिनेत्र भवन से चलने वाले सीसीटीवी नेटवर्क ने शहर की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाया है।

5. शिकायत निवारण:

उन्होंने यह भी बताया कि शहरवासियों को रोड, नाली, या अन्य जनसुविधाओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक हेल्पलाइन (1533) उपलब्ध है, जो 24/7 काम करती है।

वाराणसी का त्रिनेत्र भवन: स्मार्ट सिटी परियोजना का मुख्य केंद्र


बता दें कि, त्रिनेत्र भवन वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना का एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम और संचालन केंद्र है। यह भवन शहर की मॉनिटरिंग, ट्रैफिक प्रबंधन, और जनसुविधाओं को तकनीकी माध्यम से बेहतर बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है। सिगरा में स्थित यह भवन स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत वाराणसी के विकास और संचालन का हृदय स्थल माना जाता है।

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का दौरा:


इसके बाद छात्रों ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर (Rudraksh Convention Center) का दौरा किया जहां उन्होंने इसकी आधुनिक तकनीकों, विशेषताओं और इसके उपयोग को गहराई से समझा।, यहां छात्रों ने बैकस्टेज, फ्रंट स्टेज और मीटिंग हॉल का निरीक्षण किया। वहां के "प्रमुख प्रबंधक" ने बच्चो को बताया की यह सेंटर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसे जापान और भारत की साझेदारी के तहत बनाया गया है।


उन्होंने बताया कि, इस कन्वेंशन सेंटर में 120 गाड़ियों की बेसमेंट पार्किंग है। ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल को लेकर हॉल होगा जिसमें वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियां हैं और लगभग 1200 लोग एक साथ इस हॉल में बैठ सकते हैं। प्रबंधक ने छात्रों को बताया कि रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में दिव्यांगो के लिए भी दोनों दरवाजों के पास 6-6 व्हील चेयर्स का इंतजाम किया गया है। वहीं शौचालयों को दिव्यागजनों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।


उन्होंने छात्रों को समझाया कि कैसे यह सेंटर वाराणसी को सांस्कृतिक और व्यावसायिक स्तर पर एक नई पहचान देता है। छात्रों ने इसके स्ट्रक्चर व वहां पर लगी लाइट और कैमरा के बारे में भी जाना। यह दौरा छात्रों के लिए सांस्कृतिक और तकनीकी दृष्टिकोण से बेहद शिक्षाप्रद साबित हुआ।

क्या है रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर?


बता दें कि शिवलिंग की आकृतिनुमा बना यह कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के सिगरा में बना है और इसका नाम वाराणसी शहर के मिजाज के अनुरूप ही है। इस कन्वेंशन सेंटर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए। सनातन परंपराओं के मुताबिक रुद्राक्ष की माला में 108 दाने होते हैं।


इसके अलावा इस कन्वेंशन सेंटर में ग्रीन रूम भी बनाया गया है। 150 लोगों की क्षमता वाला दो कॉन्फ्रेंस हॉल या गैलरी भी है जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से सुसज्जित है। इन हॉल्स को जरूरत के मुताबिक घटाया या बढ़ाया जा सकता है।


बता दें कि रुद्राक्ष को जापान इंटरनेशन कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है। इस सेंटर में छोटा जापानी गार्डेन भी बनाया गया है साथ ही 110 किलोवॉट की उर्जा के लिए इसमें सोलर प्लांट भी लगा है। वहीं दीवारों पर लगें ईंट भी ताप रोकने का काम करते हैं साथ ही रुद्राक्ष को वातनुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरणों को दीवारों पर लगाया गया है। इसके निर्माण में फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया है।

सिगरा स्टेडियम में खेल सुविधाओं की झलक:


अंत में छात्रों ने सिगरा पर स्थित वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Varanasi Sport Complex) का दौरा किया, जहां उन्हें स्पोर्ट्स सिस्टम और स्टेडियम निर्माण के पीछे सरकार की योजनाओं और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी गई। 

इस मौके पर अमित विक्रम ओझा ने बताया कि यह स्टेडियम उन बच्चों और महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय देशों में जाकर खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले सकते। उन्होंने यह भी साझा किया कि इस स्टेडियम ने बनारस के बच्चों को स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने और काशी का नाम रोशन करने का मंच दिया है।


उन्होंने बताया कि, इस पुनर्विकास से वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारने और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सहायता मिलेगी।

सिगरा स्टेडियम का इतिहास॥

वाराणसी के डॉ सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण 1960 से 1962 के बीच हुआ था. इस स्टेडियम से कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, रोजर बिन्नी जैसे खिलाड़ी भी इस ग्राउंड में प्रदर्शन मैच खेल चुकें है. इसके अलावा यहां कई बार रणजी ट्रॉफी का आयोजन भी हुआ था।

तीन चरणों में पुनर्विकसित॥


बता दे की सिगरा संपूर्णानंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, वाराणसी का प्रमुख खेल परिसर, तीन चरणों में पुनर्विकसित किया गया है। पहला चरण मार्च 2023 में, जबकि दूसरा और तीसरा चरण 2024 में पूर्ण हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर 2024 को इस परिसर का उद्घाटन किया। 

स्विमिंग पूल, जिम्नास्टिक, जूडो, कराटे जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध॥


पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय खेल प्रतिभाओं को उन्नत सुविधाएं प्रदान करना था। इस परिसर में फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट के साथ-साथ हैंडबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, जिम, कुश्ती, वॉलीबॉल आदि खेलों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, ओलंपिक मानकों के स्विमिंग पूल, जिम्नास्टिक, जूडो, कराटे, मार्शल आर्ट्स, योग, ताइक्वांडो, बॉक्सिंग, वेटलिफ्टिंग और हाई-टेक जिम्नेजियम जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। 

अधिकारियों को भेंट की गई ऐतिहासिक तस्वीर:


इस यात्रा के दौरान, मास कम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट की शिक्षिकाओं डॉ. ममता पांडे, अशुतोष त्रिपाठी, और डॉ. देवव्रत तिवारी ने वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों शाकम्भरी नन्द सौंथालिया और अमित विक्रम ओझा को काशी की ऐतिहासिक तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया।


छात्रों के लिए प्रेरणादायक ट्रिप:

यह ट्रिप छात्रों के लिए न केवल शैक्षिक बल्कि प्रेरणादायक भी साबित हुआ। उन्होंने तकनीक और विकास के संगम को नजदीक से देखा और यह समझा कि आधुनिक तकनीक कैसे शहर को सुरक्षित और सुलभ बना रही है।

उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की तकनीकी intricacies को समझा और वाराणसी के विकास में इनका योगदान देखा। इस यात्रा ने छात्रों को आधुनिक तकनीकों और विकास योजनाओं से जोड़ा, जो उन्हें भविष्य के बेहतर नागरिक बनने की प्रेरणा देगा।

छात्रों ने जताया आभार:


धीरेंद्र महिला पीजी कॉलेज की छात्रों ने वाराणसी स्मार्ट सिटी परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी शाकम्भरी नंद सौंथालिया और अमित विक्रम ओझा के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। प्रेरणा जायसवाल ने कहा कि, आपका बहुमूल्य समय, ज्ञानवर्धक जानकारी और सरलता से समझाने का तरीका हमें स्मार्ट सिटी की उन्नत तकनीकों को समझने में बेहद मददगार साबित हुआ। आपकी प्रेरणा और मार्गदर्शन हमारे लिए अमूल्य हैं। हम आपके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और भविष्य में ऐसे और भी अवसरों की आशा रखते हैं।

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