शिंदे सरकार ने UPS को दी मंजूरी, केंद्र की स्कीम लागू करने वाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र; जानिए इसके बारे में।
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पूरे देश में पेंशन योजना शुरू किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार राज्य कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। रविवार को एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। राज्य मंत्रिमंडल ने यूपीएस को हरी झंडी दे दी। इस योजना को 1 अप्रैल 2025 से महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया जाएगा। ऐसे में अब अब राज्य में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह यूपीएस लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।
जानें राज्य कर्मचारियों को क्या होगा लाभ.?
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि यूपीएस के तहत करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। अगर राज्य की सरकारों की तरफ से इसे लागू किया जाएगा तो उन्हें भी इसका पूरा फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार ने इस स्कीम का ऐलान करते हुए कहा था कि राज्य सरकारें भी इसे लागू कर सकती हैं। यूनिफाइड पेंशन योजना या UPS को सरकारी कर्मचारियों को निश्चित पेंशन और फैमिली पेंशन की गारंटी देकर बेहतर वित्तीय सुरक्षा पेश करने के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा, जैसे-जैसे महंगाई बढ़ेगी, वैसे ही इस योजना के तहत पेंशन में बढ़ोतरी का भी प्रावधान है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए। इस मीटिंग में डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस, डिप्टी सीएम अजीत पवार समेत अन्य कैबिनेट मंत्री शामिल हुए।
क्या है UPS
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऐलान किया है। यह पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी। सरकार इस योजना के तहत कर्मचारियों (Govt Employees) को एश्योर्ड पेंशन देगी। यह योजना कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली को भी पेंशन देगी। साथ ही इसके तहत मिनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा।
यूनीफाइड पेंशन स्कीम के पांच स्तंभ॥
सुनिश्चित पेंशन- यूनीफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस को अपनाने पर निश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। 25 साल तक की सेवा पर ही यह रकम मिलेगी। 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा सेवा करने पर उसके ही अनुपात में पेंशन मिलेगी।
पारिवारिक पेंशन- किसी भी कर्मचारी की मौत हो जाने से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।
न्यूनतम पेंशन- यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत अगर कोई सरकारी कर्मचारी कम से कम 10 साल की सर्विस के बाद में रिटायर होता है तो उसे न्यूनतम 10 हजार रुपये हर महीने की पेंशन मिलेगी।
इंडेक्सेशन बेनिफिट- इन तीनों पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन पर महंगाई के हिसाब से डीआर (Dearnerss Relief) का पैसा मिलेगा। जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा।
ग्रेच्युटी- 6 महीने की सर्विस के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सेवा है तो उसे 6 महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान होगा।
UPS में कितना देना होगा योगदान?
सरकार के इस योजना के तहत NPS के जैसे ही सैलरी में से कंट्रीब्यूशन देना होगा। सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस के तहत 10 फीसदी का योगदान देना होगा, जो NPS के तहत भी दिया जाता है। हालांकि सरकार ने यूपीएस में अपना कंट्रीब्यूशन 14 फीसदी से बढ़ाकर 18.5 फीसदी कर दिया है। यानी कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक अच्छा पेंशन मिल सकता है।
अगर 50 हजार बेसिक सैलरी तो कितना मिलेगा पेंशन?
जैसा कि इस योजना के तहत कहा गया है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 12 महीने के एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। इस हिसाब से कैलकुलेशन करें तो अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं और आप NPS की जगह UPS का विकल्प चुनते हैं और आपके अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक पे 50 हजार रुपये है तो आपको इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद हर महीने 25 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। हालांकि इसके बाद महंगाई राहत (DR) अलग से जोड़ा जाएगा।
वहीं अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है और उसकी पेंशन 30 हजार रुपये मंथली रहती है तो फैमिली को एक निश्चित महीने की पेंशन 18 हजार रुपये होगी, क्योंकि कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली को पेंशन कर्मचारी को मिले लास्ट पेंशन का 60 फीसदी देने का प्रावधान है।