न्याय की आस में कान्हा! कानपुर में कानूनी दांव-पेंच के चलते 22 सालों से जेल में कैद हैं भगवान श्री कृष्ण और उनका पूरा परिवार।
कानपुर। भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में अपने माता-पिता को कंस मामा की कैद से आजाद करवाया था, लेकिन कलयुग में कानपुर देहात के थाना शिवली के मालखाने में भगवान श्रीकृष्ण 22 वर्षों से कैद हैं। कानूनी दांवपेच के चलते अभी तक भगवान श्रीकृष्ण की रिहाई का फरमान कोर्ट से नहीं आ सका है।
मथुरा नरेश कंश के कारागार में जन्मे भगवान श्री कृष्ण पल भर में कारागार से बाहर हो गए थे। लेकिन कानपुर देहात की कोतवाली में लगातार 22 वर्षों से कैद हैं। राधा कृष्ण और बलराम सहित 5 बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियों को 4 चोरों ने योजनाबद्ध तरीके से चोरी कर लिया। चोरी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और प्रभावी कार्यवाही करते हुए चोरों को गिरफ्तार कर चोरी किये गए भगवान श्री कृष्ण के परिवार को भी बरामद कर लिया।
कुछ समय बाद चोरों को जमानत मिल गई लेकिन भगवान श्री कृष्ण आज भी अपनी रिहाई के इंतजार में है। हालांकि बीती 19 जुलाई 2024 को भगवान श्री कृष्ण परिवार समेत माती जिला न्यायालय में न्यायधीश के सामने पेश हो चुके है जिसके बाद जल्द फैसला आने की उम्मीद है।
ये है पूरा मामला॥
दरअसल पूरा मामला शिवली नगर पंचायत क्षेत्र का है जहां 22 वर्ष पहले 12 मार्च 2002 को एक प्राचीन मंदिर से 4 चोरों ने राधा कृष्ण सहित 5 बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियां चुरा ली थी। घटना की रिपोर्ट मंदिर के सर्वराकार ने दर्ज कराई थी।
घटना के 7 दिनों के बाद ही पुलिस ने चोरी की गई मूर्तियां बरामद कर 4 चोरों को गिरफ्तार कर लिया। सभी चोरों को जेल भेजा गया लेकिन कुछ दिनों के बाद ही आरोपितों को जमानत मिल गई और जेल से रिहा हो गए। लेकिन लीलाधर, माखन चोर प्रभु श्री कृष्ण कानूनी दांव पेंच में ऐसे उलझे की अब तक न उनकी रिहाई हुई और न वो अपने मंदिर में दोबारा पहुंच पाए। और आज भी 22 वर्षो से लगातार शिवली कोतवाली के मालखाने में बन्द है।
जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान का होता है श्रृंगार॥
प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकाल कर स्नान आदि कराने के बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और उनकी धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है इस मौके पर कस्बे के अन्य श्रद्धालु भी मंदिर में पहुंचते है और जयकरों के साथ लड्डू गोपाल का जन्मदिवस बनाते है और पुनः भगवान श्रीकृष्ण को उनके परिवार सहित मालखाने में रख दिया जाता है।
22 वर्षो से लगातार जन्मोत्सव के मौके पर यही प्रक्रिया दोहराई जाती है। हालांकि वादी पक्ष के द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील के बाद मामले में तेजी आई और फिर भगवान श्री कृष्ण की परिवार समेत न्यायधीश के सामने पेशी हुई जहाँ घटना के आरोपी भी मौजूद रहे वादी पक्ष की अगर माने तो अब जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।
थाना प्रभारी ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के चलते मंदिर में मूर्तियों को स्थापित नहीं किया जा सका है। लेकिन ग्रामीणों व पुलिसकर्मियों द्वारा प्रतिवर्ष जन्माष्टमी पर मूर्तियों को मालखाने से निकलवा कर श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव विधि विधान के साथ बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
लेकिन सवाल यह भी है कि मंदिर से मूर्तियों की चोरी की घटना को अंजाम देने वाले चोर जेल से बाहर खुलेआम घूम रहे है और राधा, कृष्ण, बलराम सहित उनका परिवार कोतवाली में बंद है। कंश की कैद से पल भर में बाहर निकल जाने वाले कन्हैया आज न्याय की आस में हैं।
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