महाकुंभ भगदड़ में अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत, प्रशासन ने बताई हादसे की वजह; परिजनों को 25-25 लाख मुआवजे का ऐलान।
Maha Kumbh stampede : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मंगलवार की देर रात हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि अखाड़ा मार्ग भगदड़ भीड़ बढ़ने की वजह से हुई। भीड़ बढ़ने के कारण बैरिकेड टूट गया। इस वजह से बैरिकेड के आसपास सोए हुए लोगों पर भीड़ चढ़ गई।
ऐसे में करीब 90 लोग घायल हो गए। हादसे में मारे गए 30 लोगों में से 25 लोगों की पहचान हो गई है। डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि हादसे में 30 लोगों की मौत और 60 लोग घायल हुए हैं। राज्य सरकार ने हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों के 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने का घोषणा किया है। इसके साथ ही घटना की न्यायिक जांच का भी आदेश दिया है। इसके लिए तीन सदस्यीय समित भी बन रही है। यह जांच पुलिस की पड़ताल से अलग होगी। इसके साथ ही सीएम योगी ने मुख्य सचिव और डीजीपी को भी गुरुवार को प्रयागराज जाने का आदेश दिया है।
कैसे हुआ हादसा.?
प्रशासन ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया।
कर्नाटक, असम के लोग भी शामिल
डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि हादसे में मरने वाले 30 में 25 लोगों की पहचान हो गई है। मरने वालों में कर्नाटक, गुजरात से लेकर असम के लोग शामिल हैं। हालांकि, अभी भी कई लोग लापता है। कई लोगों को परिजन अपनों को तलाश रहे हैं। कई लोग अभी भी अस्पताल के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक हेल्पलाइन भी बनाई गई है। इसका नंबर 1920 है। अगर कोई गुमशुदा है तो उसकी जानकारी इस नंबर पर ली जा सकती है।
पुलिस ने कहा कि 36 लोगों का स्थानीय मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। फिलहाल स्थिति सामान्य है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी महामंडलेश्वर, संतों, अखाड़ों से अनुरोध किया है कि वे कुछ देरी से पवित्र स्नान करें...अखाड़ों का अमृत स्नान सुरक्षित रूप से संपन्न हो गया है।
डीआईजी ने यह भी साफ किया कि आज कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था। बताया कि शासन ने पहले ही सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। कहा कि आगे भी किसी स्नान पर्व पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा।
इस प्रेस कांफ्रेंस से कुछ घंटे पहले ही डीआईजी ने हादसे के लिए कुछ और ही वजह बताई थी। उस समय डीआईजी ने कहा था कि भीड़ मौके पर मौजूद पुलिस वालों के अनुसार भीड़ का दवाब बढ़ने पर चेंजिंग रूम का गेट भीड़ पर ही गिर गया। इसके बाद ही भगदड़ मच गई। हालांकि डीआईजी ने अब जो कारण बताया है वही कारण मंगलवार की सुबह ही सीएम योगी ने भी बताया था।
सीएम योगी ने कहा था कि बैरिकेडिंग टूटने के कारण भगदड़ मची है। भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान भी रद्द कर दिया था। खुद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने आज का शाही स्नान रद्द करने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में सीएम योगी की महामंडलेश्वरों से बातचीत के बाद शाही स्नान का फैसला लिया गया। इसके बाद तय शेड्यूल के तहत नागा साधुओं और संतों ने शाही स्नान किया।
सीएम योगी ने क्या कहा ?
महाकुंभ में मची भगदड़ पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है, “मौनी अमावस्या पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए कल शाम 7 बजे से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में एकत्र हुए थे। अखाड़ा मार्ग पर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई जिसमें 90 से अधिक लोग घायल हो गए और 30 लोगों की मौत हो गई। 36 लोगों का इलाज प्रयागराज में चल रहा है। यह घटना भीड़ द्वारा अखाड़ा मार्ग की बैरिकेडिंग तोड़ने के कारण हुई।”
घटना दिल दहला देने वाली है॥
महाकुंभ में मची भगदड़ पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है, ”घटना दिल दहला देने वाली है। हम उन सभी परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हम कल रात से ही प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं। मेला प्राधिकरण, पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य सभी व्यवस्थाएं जो की जा सकती थीं, वहां तैनात कर दी गई हैं।”
प्रयागराज में हालात सामान्य॥
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से भगदड़ जैसी स्थिति के बाद अब हालात पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं। पीएम मोदी खुद कुंभ की स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हैं। महाकुंभ को लेकर पीएम मोदी भी सीएम योगी से चार बार बात कर चुके हैं। पीएम मोदी ने स्थिति सामान्य करने और राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
पीएम मोदी ने जताया दुख॥
पीएम मोदी ने X पर पोस्ट कर घटना को लेकर दुख जताया है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है, ”प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।”
सीएम योगी ने कहा कि अभी हालात नियंत्रण में हैं। प्रयागराज में भीड़ का भारी दबाव है और जो घटना हुई है, वह बैरिकेड को फांदने के कारण हुई है। श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि मैं लोगों से अपील करूंगा कि वह प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।आज करीब 9 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं।
इनकी हुई मौत ?
महाकुंभ में हुई भगदड़ में कर्नाटक के वडागांव निवासी भाजपा कार्यकर्ता ज्योति हट्टारवाड़ (50) और उनकी बेटी मेघा हट्टारवाड़ (16) की मौत हो गई है। इसके अलावा, बेलगावी की महादेवी भवनूर और अरुण भी हादसे का शिकार हुए हैं।
ज्योति हट्टारवाड़ के परिजनों के अनुसार, मां-बेटी 26 जनवरी को एक निजी ट्रैवल एजेंसी के जरिए बस से प्रयागराज गई थीं और 13 सदस्यीय यात्रा समूह का हिस्सा थीं। ज्योति के भाई गुरुराज ने बताया कि हादसे में घायल होने के बाद दोनों को प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
वहीं, ज्योति के पति ने बताया कि तीर्थयात्रियों के समूह में शामिल चिदंबर पाटिल नामक व्यक्ति ने उन्हें सूचना दी कि भगदड़ में उनकी पत्नी और बेटी की जान चली गई।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख॥
प्रयागराज के कुंभ मेले में भगदड़ के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम नेताओं ने दुख जताया है।
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर किया हमला॥
प्रयागराज के कुम्भ मेले में भगदड़ के बाद समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद, अजय राय, अरविंद केजरीवाल और मायावती ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
VIP कल्चर खत्म हो - भगदड़ पर फूटा राहुल गांधी का गुस्सा॥
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा," प्रयागराज से आई खबर दिल दहला देने वाली है। उन्होंने कहा, "खराब प्रबंधन और आम तीर्थयात्रियों की तुलना में वीआईपी मूवमेंट को प्राथमिकता देना इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है।" उन्होंने कहा कि ऐसी घटना फिर ना घटे इसके लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। राहुल गांधी ने आगे कहा, "वीआईपी (कल्चर) संस्कृति पर रोक लगनी चाहिए और तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए।"
खरगे बोले- सरकार ने प्रबंधन पर नहीं दिया ध्यान
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा," आधी-अधूरी तैयारियां, वीआईपी मूवमेंट और प्रबंधन के बजाय आत्म-प्रचार पर ध्यान की वजह से ऐसी घटना घटी। हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद ऐसी तैयारियां निंदनीय हैं।"
उन्होंने कहा, "तीर्थयात्रियों के ठहरने तथा प्राथमिक उपचार की सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए तथा वीआईपी की आवाजाही पर रोक लगाई जानी चाहिए। हमारे संत भी यही चाहते हैं।"
अरविंद केजरीवाल ने जताया दुख॥
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है। अरविंद केजरीवाल ने X पर पोस्ट किया, महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना बेहद दुखद है। इस हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिवारों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति दें। धैर्य बनाए रखें और सावधानी बरतें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और एक-दूसरे की सुरक्षा का ध्यान रखें।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल॥
सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति भरोसा जगाने के लिए महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन उत्तर प्रदेश शासन के बजाय तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। विश्वस्तरीय व्यवस्था के दावा करने वालों को इस हादसे में मारे गए लोगों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं की सरकार अच्छे से अच्छा इलाज कराए। मृतकों के शवों को चिह्नित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गए हैं, उन्हें मिलाने के लिए प्रयास किए जाएं। महाकुंभ में हेलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए।
अखिलेश यादव ने कहा कि श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वे इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों को बंद करने से करोड़ों लोग सड़कों पर फंस गए हैं। सरकार को इसे शासन-प्रशासन की लापरवाही से जन्मी आपदा मानकर तुरंत सक्रिय हो जाना चाहिए। सूर्यास्त से पहले ही श्रद्धालुओं तक भोजन-पानी की राहत पहुंचानी चाहिए और उनमें ये भरोसा जगाना चाहिए कि सबको सकुशल अपने गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था प्रदेश और केंद्र सरकार करेगी। मृतकों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए समस्त समारोह, उत्सवधर्मिता व स्वागत कार्यक्रम रद्द कर देने चाहिए।
भगदड़ जैसी स्थिति क्यों बनी.?
- पुण्य स्नान के लिए भीड़ लगातार संगम नोज की तरफ बढ़ती गई।
- त्रिवेणी पर ही पुण्य स्नान के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची।
- इस बीच नागा साधुओं के भी वहां अमृत स्नान के लिए आने की खबर आई।
- इससे संगम पर दबाव और बढ़ गया और अफरातफरी मचने लगी।
- इसी दौरान भगदड़ जैसे हालात बन गए और यह हादसा हुआ।
- अमृत स्नान के लिए चले संतों को तुरंत अनुरोध कर लौटाया गया।
प्रयागराज आने वाले 8 एंट्री पॉइंट बंद॥
प्रयागराज में बुधवार को 9 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे. श्रद्धालुओं का संगम तट पर आना लगातार जारी है. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन ने प्रयागराज आने वाले 8 एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया है:-
भदोही- वाराणसी बॉर्डर पर 20 किलोमीटर का लंबा जाम लगा है।
- चित्रकूट बॉर्डर पर भी जाम है।
- कौशांबी बॉर्डर पर 50 हजार से ज्यादा गाड़ियों को रोका गया है।
- यहां 5 घंटे से जाम लगा हुआ है.फतेहपुर-कानपुर बॉर्डर पर भी जाम देखा जा रहा है।
- यप्रतापगढ़ बॉर्डर पर 40 हजार वाहनों को रोका गया।
- जौनपुर बॉर्डर पर प्रयागराज जाने वाली सभी बसों को रोका गया है।
- मिजापुर बॉर्डर पर भी लंबा जाम लगा है।
- रीवा बॉर्डर पर भी गाड़ियों को रोका गया है।