दुर्गा प्रतिमा के लिए इस बार नहीं दी जाएगी वेश्यालय से मिट्टी, अनुदान लौटाने का ऐलान! क्या कोलकाता रेप-मर्डर केस है वजह? पढ़िए इनसाइड स्टोरी!

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अपराध को छुपाने की कोशिश और ममता बनर्जी प्रशासन द्वारा दिखाई गई असंवेदनशीलता ने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। सोशल मीडिया पर भी विरोध प्रदर्शन और आक्रोश था, जिसमें फर्जी खबरें ऑनलाइन प्रसारित की गईं। दावों में से एक यह था कि रेड-लाइट जिले सोनागाछी की यौनकर्मियों ने दुर्गा मूर्तियों के लिए वेश्यालय की मिट्टी देने से इनकार कर दिया।


ऐसे समय में जब कोलकाता और उसके बाहरी इलाके आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्साकर्मी के साथ बलात्कार और हत्या की घटना से जूझ रहे हैं। विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर न्याय और सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। सार्वजनिक आक्रोश तीव्र है, यहां तक कि प्रवासी भी निंदा में शामिल हो रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से आगामी गुरुवार तक जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में राज्य सरकार की भूमिका की कड़ी आलोचना की है। सोशल मीडिया पर प्रसारित गलत सूचनाओं के बीच, एक संदेश यह दावा कर रहा है कि आरजी कर में प्रशिक्षु डॉक्टर के इस जघन्य बलात्कार-हत्या के विरोध में कोलकाता के बाहरी इलाके में रेड-लाइट जिले सोनागाछी की यौनकर्मी इस वर्ष दुर्गा पूजा के लिए मिट्टी नहीं देंगी। 

इंडिया टुडे ने इसको लेकर सेक्स वर्कर से बात करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बंगाल के सोनागाछी की एक महिला सेक्स वर्कर ने कहा कि ये कोई ताज़ा मामला नहीं है। कई वर्षों से मिट्टी उपलब्ध नहीं करायी गयी है। हमारे समाज में अभी भी पेशे के रूप में सेक्स वर्क को स्वीकार्यता नहीं है। हम लंबे समय से सेक्स वर्क के लिए मान्यता की मांग कर रहे हैं। खुलासा करते हुए कहा कि यह मुद्दा संबंधित नहीं था। सेक्स वर्कर्स और इस पेशे से जुड़ी हर महिला को बहुत अपमान सहना पड़ता है। हमें लगातार शोषण का सामना करना पड़ता हैष यह साल के केवल चार दिन (दुर्गा पूजा के) नहीं हैं, हमें साल के हर दिन का सम्मान चाहिए। जब हम अपने अधिकार प्राप्त कर लेंगे और सम्मानित होंगे, तो हम मिट्टी प्रदान करेंगे।

दुर्गा पूजा कमेटियों ने जताया विरोध, CM ममता का अनुदान लौटाने का ऐलान॥

कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल सरकार और सूबे की पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ दरिंदगी के विरोध में भड़की प्रतिवाद की आग अब दुर्गा पूजा कमेटियों को भी राज्य सरकार के खिलाफ विरोध का स्वर मुखर करने के लिए मजबूर कर दिया है। हुगली के उत्तरपाड़ा के दो दुर्गा पूजा कमेटियों ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए जा रहे पूजा के 85 हजार रुपए के अनुदान को लौटाने का ऐलान किया है।

शक्ति संघ क्लब द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा कमेटी और उत्तररपारा की ही आपनादेर दुर्गा पूजा कमेटी ने यह फैसला किया है। उत्तरपारा के आपनादेर दुर्गा पूजा कमेटी तरफ से शुभ्रांशु ने कहा, "जिस तरह से एक लेडी डॉक्टर के साथ अस्पताल में दरिंदगी की गई है, इससे हम काफी दुखी हैं, इस घटना के विचार की मांग करते हुए राज्य सरकार द्वारा पूजा के लिए दी जा रही राशि को हमने नहीं स्वीकार करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में क्लब की तरफ से हुगली के डीएम और अन्य पदाधिकारियों को लिखित रूप से जानकारी दे दी गई है।

'सादगी से की जाएगी पूजा...'

शक्ति संघ क्लब द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा कमेटी की तरफ से प्रसनजीत घोष ने कहा कि आरजी कर हॉस्पिटल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए नृशंस और बर्बर कांड से क्लब के सदस्य काफी नाराज हैं और उन्होंने यह फैसला किया है कि इस साल पूजा बिना आडंबर के सादगी के साथ की जाएगी। इसलिए राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान की हमें कोई जरूरत नहीं है।

वही पूजा कमेटी की सीनियर महिला पदाधिकारी ज्योत्सना पात्र ने कहा, "आरजी कर के इस कांड से व्यक्तिगत तौर पर काफी दुख हुआ है। मैंने कई जगहों पर प्रोटेस्ट मार्च में भी हिस्सा लिया, क्लब की तरफ से इस घटना का संज्ञान लेते हुए यह फैसला लिया गया है कि इस बार पीड़िता लेडी डॉक्टर के साथ इंसाफ की मांग करते हुए आयोजन सादगी से किया जाएगा।

आपनादेर दुर्गा पूजा कमेटी की दूसरी सीनियर मेंबर सीमा चटर्जी ने कहा की, "मेरे परिवार में भी आरजी कर कांड की शिकार हुई लेडी डॉक्टर जैसी बेटी है। मैं इस घटना में इंसाफ चाहती हूं। क्लब के सदस्यों की राय से सहमत होकर हमने फैसला किया है कि इस साल क्लब द्वारा आयोजित की जाने वाली दुर्गा पूजा बिना किसी आडंबर की जाएगी और सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान को क्लब स्वीकार नहीं करेगा।

दुर्गा पूजा के बहिष्कार की हो रही अपील, आयोजक बोले- लाखों लोग रोजी-रोटी के लिए इस पर निर्भर॥

आरजी कर मेडिकल कॉलेजल और अस्पताल में एक मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के बाद दुर्गा पूजा आयोजकों के एक समूह ने अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने लोगों से निवेदन किया है कि इस घटना को दुर्गा पूजा से न जोड़ा जाए। फोरम फॉर दुर्गोत्सव के महासचिव शाश्वत बसु ने कहा कि हम आरजी कार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में युवा डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या से स्तब्ध और क्रोधित हैं। उन्होंने आगे कहा कि दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से ऐसी कठोर सजा दी जानी चाहिए कि कोई भी ऐसा कृत्य दोबारा करने की हिम्मत न करे।

यह अपील सोशल मीडिया पर दुर्गा पूजा के बहिष्कार के आह्वान के बाद आई है। बसु ने कहा कि लेकिन हम अनुरोध करते हैं कि दुर्गा पूजा को इस भयावह घटना से न जोड़ा जाए। सोशल मीडिया पर दुर्गा पूजा के बहिष्कार को लेकर कुछ पोस्ट देखने को मिली हैं। ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। दुर्गा पूजा को अपने प्राकृतिक रूप से होने दें।

आयोजकों ने की ये अपील॥

दुर्गा पूजा आयोजकों का मानना है कि यह त्योहार न केवल लाखों लोगों की आजीविका से जुड़ा है, बल्कि राज्य की जीडीपी में भी योगदान देता है। बसु ने कहा कि यह त्योहार न केवल लाखों लोगों की आजीविका से जुड़ा है, बल्कि राज्य की जीडीपी में भी योगदान देता है। दुर्गा पूजा आयोजक प्रार्थना कर रहे हैं कि इस जघन्य अपराध की जांच जल्द से जल्द पूरी हो और कानूनी कार्यवाही शुरू हो ताकि स्थिति सामान्य हो सके।

वेश्यालय की मिट्टी से बनती है दुर्गा प्रतिमा॥


हिन्दू मान्यताओं के अनुसार दुर्गा पूजा के लिए माता दुर्गा की जो मूर्ति बनाई जाती है उसके लिए 4 चीजें बहुत जरूरी होती हैं। पहली गंगा तट की मिट्टी, दूसरी गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय की मिट्टी या किसी भी ऐसे स्थान की मिट्टी जहां जाना निषेध हो। इन सभी को मिलाकर बनाई गई मूर्ति ही पूर्ण मानी जाती है। मान्यतानुसार जब तक इस जगह की मिट्टी नहीं मिलती है तब तक दुर्गा मूर्ति का निर्माण अधूरा माना जाता है। यदि किसी वजह से इस मिट्टी के बिना ही दुर्गा प्रतिमा बना दी जाती है तो उस मूर्ति का पूजन माता दुर्गा स्वीकार नहीं करती हैं। 

सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई॥

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना के पीड़ित के माता-पिता ने मंगलवार को कहा कि उन्हें न्याय के लिए न्यायपालिका पर भरोसा है, लेकिन उन्हें संदेह है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है। पीड़ित के पिता ने कहा कि सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई है। अगर जांच से पता चलता है कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी, तो उसे दंडित किया जाना चाहिए।


गौरतलब है की, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार रूम में 9 अगस्त को महिला पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या के विरोध में पश्चिम बंगाल में हज़ारों की संख्या में महिलाएँ सड़कों पर उतरीं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान कुछ इलाकों में हिंसा भी हुई, जिसमें कोलकाता भी शामिल है, जहाँ 14 अगस्त की रात सैकड़ों लोगों ने अस्पताल पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ की। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ़्तार किया है।

Leave a Reply

Cancel Reply

Your email address will not be published.

logo

Follow US

VOTE FOR CHAMPION

vote-image

Who is the Best Actress of 2024

35%
11%
31%
17%
2%
4%
logo

Top Categories

logo

Recent Comment

  • user by YLoQvmYHUtBTey

    nvbRMRtXm

    quoto
  • user by OCTpUXGGfgSGsH

    BRdogFBMrfPCkeY

    quoto
  • user by lKdtzowItgzBYh

    mlXBvKfuCR

    quoto