हूती विद्रोहियों का बड़ा हमला: 2000 किलोमीटर दूर से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक, जानें कैसे मिल रहे हैं हथियार?
Houthi Rebels Strike Israel : यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। इन विद्रोहियों ने लगभग 2000 किलोमीटर की दूरी से इजरायल पर पहले ड्रोन हमला किया और फिर मिसाइलें दागीं। हालांकि, इन हमलों से इजरायल को कोई गंभीर क्षति नहीं हुई, लेकिन इसके बाद तेल अवीव में खतरे की घंटियां बज गई हैं।
इजरायल पहले ही गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिज़्बुल्लाह के हमलों से जूझ रहा है, और अब हूती विद्रोहियों के हमले एक नए मोर्चे पर चिंता बढ़ा रहे हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि हूती विद्रोहियों को समझ लेना चाहिए कि इजरायल को नुकसान पहुंचाने की किसी भी कोशिश का उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। हम पर हमला करने वालों को इजरायल के जवाबी हमलों से बचने का मौका नहीं मिलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह स्थानीय समयानुसार करीब 6.30 बजे इजरायल में अचानक हवाई सायरन बजने लगे। स्थानीय मीडिया ने तेल अवीव के दक्षिण-पूर्व में बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लोगों के शेल्टर्स की ओर भागने की फुटेज दिखाई। इसके बाद हूतियों ने दावा किया कि उन्होंने इजरायल पर एक नई किस्म की मिसाइल दागी है। इजरायली अधिकारियों ने भी इस हमले की पुष्टि की, लेकिन कहा कि मिसाइल एक खुले क्षेत्र में गिरी, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। दूसरी ओर, हूतियों ने दावा किया कि यह एक उन्नत हाइपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल थी, जिसने बेन शेमेन जंगल के पास एक खुले क्षेत्र में गिरकर कफर डैनियल के पास आग भड़का दी।
कौन हैं हूती.?
हूती एक यमनी मिलिशिया समूह है जिसका नाम उनके संस्थापक हुसैन बदरेद्दीन अल हौथी के नाम पर रखा गया है। वे ईरान से संबद्ध और समर्थित हैं और "प्रतिरोध की धुरी" का हिस्सा हैं। एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, हूती-ईरान संबंध दिनों दिन काफी ज्यादा मजबूत हुए हैं। ईरान उन्हें अपनी क्षेत्रीय शक्ति का विस्तार मानता है। हूतियों का लक्ष्य इजरायल और अमेरिका को नष्ट करना है। वे खुद को अंसार अल्लाह नाम से भी बुलाते हैं, जिसका अर्थ है 'ईश्वर के समर्थक'।
हौथियों के पास कौन से हथियार हैं?
शुरू में, हूतियों को पुराने कलाश्निकोव रायफल एके-47 के साथ एक आदिम मिलिशिया माना जाता था। हालांकि, यह सच्चाई से बहुत दूर है। यमनी विद्रोहियों के पास एक बड़ा शस्त्रागार है, जिसमें उन्नत ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल, साथ ही एंटी शिप हथियार शामिल हैं। हालांकि हूतियों के शस्त्रागार के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन उनके हमलों से उनके हथियारों के भंडार की झलक मिलती है। उदाहरण के लिए, 1994 में यमनी गृहयुद्ध के दौरान, हूतियों के पास एक स्कड मिसाइल थी, जिसे यूएसएसआर से मंगाया गया था। 2015 और 2021 के बीच के वर्षों में, हूतियों ने सऊदी अरब के ठिकानों पर कई ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें भी लॉन्च की हैं।
हूती विद्रोहियों प्रवक्ताओं ने अपने शस्त्रागार में कई मिसाइलों के होने का भी दावा किया है, जिसमें तूफान भी शामिल है। तूफान एक लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज लगभग 2,000 किमी है। हूतियों के पास टैंकील, अकील और कुद्स-4 मिसाइलें भी हैं। इसके अलावा, उनके पास सयाद ड्रोन भी है, जिसका इस्तेमाल एकतरफा आत्मघाती मिशनों में किया जाता है, साथ ही शाहेद ड्रोन भी है, जिसकी रेंज 900 किलोमीटर है और यह 20 किलोग्राम का पेलोड ले जाने में सक्षम है। एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी के अनुसार, हूतियों के पास ऐसे हथियार हैं जो भूमध्य सागर तक पहुंच सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हूतियों के पास बुर्कान सीरीज जैसी मिसाइलें हैं, साथ ही फतेह-110 मिसाइलें भी है, जो यमनी समूह की मारक क्षमता में इजाफा करती है।
हूती अपने हथियार कैसे प्राप्त करते हैं?
अमेरिका और सऊदी अरब के अनुसार, हूतियों को मिलने वाले ड्रोन और क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों सहित अधिकांश हथियार ईरान से आते हैं। अधिकारियों ने बताया कि मेड इन ईरान लेबल वाले मलबे, ईरान से आने वाले मिसाइल तस्करी में शामिल बोट में फारसी में मिसाइल से संबंधित फारसी में कागजात और उनके पूर्जे बरामद किए गए हैं। इसके अलावा र्कान, कुद्स-1 जैसी मिसाइलों के डिजाइन और निर्माण में ईरानी छाप है। अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान सऊदी अरब और अन्य प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देने के लिए एक सस्ते और प्रभावी तरीके के रूप में हूतियों का समर्थन करता है।