
देशद्रोही साजिश से हिला देश! राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन BJP ऑफिस पर हमले की तैयारी में था ISIS, NIA की चार्जशीट से बड़ा खुलासा।
Bengaluru Cafe Blast Case: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार, 9 सितंबर 2024 को चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के नाम शामिल हैं, जिन पर भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम (PDLP) के तहत आरोप लगाए गए हैं। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन BJP ऑफिस पर हमले की तैयारी में था ISIS
NIA चार्जशीट में आईएसआईएस (ISIS) हमलों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए के मुताबिक अयोध्या राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के दिन (22 जनवरी 2024) बड़े हमले की साजिश रची गई थी। उस दिन बेंगलुरु में BJP ऑफिस में हमले की तैयारी की जा रही थी। चार्जशीट में बताया गया कि आरोपी कई धमाकों की साजिश रच रहे थे। इस साल 1 मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था।
युवाओं को ISIS में शामिल करवाता था दोनों आरोपी॥
बता दे कि, NIA ने 3 मार्च 2024 को जांच शुरू की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कई राज्यों की पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर तकनीकी जांच की थी। जांच से पता चला कि शाजिब ही वह शख्स था जिसने बम रखा था। वह ताहा के साथ अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद 2020 से फरार था। रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद एनआईए ने उसे पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था।
कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले का रहने वाला दोनों शख्स कट्टरपंथी आईएसआईएस से जुड़ा था। ये दोनों भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ भी उसी कहने पर उनका साथ दिया।
बांग्लादेशी पहचान का किया इस्तेमाल॥
NIA के चार्जशीट में बताया गया कि ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी वाले भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों का उपयोग किया था। इसके अलावा दोनों ने डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी उपयोग किया था। जांच से यह भी पता चला कि ताहा को एक पूर्व दोषी शोएब अहमद मिर्जा ने लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु साजिश मामले में भगोड़े मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था।
इसके बाद ताहा ने अपने हैंडलर फैसल को अल-हिंद ( ISIS ) मॉड्यूल मामले के आरोपी महबूब पाशा और ( ISIS ) दक्षिण भारत के अमीर खाजा मोहिदीन और बाद में माज मुनीर अहमद से मिलवाया था।

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