कंपा देगी तमिलनाडु की शर्मनाक घटना: फर्जी NCC कैंप में छात्रा से दुष्कर्म, 12 अन्य का यौन शोषण; प्राचार्य-शिक्षक समेत 11 आरोपी गिरफ्तार।
चेन्नै। तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैंप में 13 साल की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और 12 अन्य के यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में रविवार को कैंप आयोजक, निजी स्कूल के प्रधानाचार्य, दो शिक्षकों और एक कॉरेस्पॉन्डेंट सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने सोमवार को बताया कि जांच में पता चला है कि निजी स्कूल के पास एनसीसी इकाई नहीं थी। आयोजकों ने स्कूल प्रबंधन से कहा था कि इस तरह के कैंप की मेजबानी करने से वे एनसीसी इकाई के लिए पात्र हो जाएंगे। पुलिस ने आगे बताया कि स्कूल ने कैंप के लिए जिस समूह को नियुक्त किया, उसकी पृष्ठभूमि की जांच नहीं की।
तमिलनाडु पुलिस ने सोमवार को कहा कि एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर में 13 लड़कियों के साथ यौन शोषण हुआ। इस मामले में कृष्णागिरी जिले के एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल और दो शिक्षकों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह शिविर स्कूल परिसर में आयोजित किया गया था और इसके आयोजक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। कृष्णागिरी जिले के पुलिस अधीक्षक पी. थंगादुरई ने बताया कि स्कूल में एक फर्जी एनसीसी शिविर में एक लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया और कम से कम एक दर्जन से अधिक के साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि स्कूल अधिकारियों को यौन शोषण के बारे में पता था लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित करने के बजाय मामले को दबाने का फैसला किया।
कैंप में नहीं थे शिक्षक॥
एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में आयोजित तीन दिवसीय कैंप में 17 लड़कियों सहित 41 छात्रों ने भाग लिया था। छात्राओं को पहली मंजिल पर स्कूल के सभागार में ठहराया गया था, जबकि लड़कों को भूतल पर। कैंप की निगरानी के लिए कोई शिक्षक भी नहीं रखा गया था। लड़कियों का आरोप है कि उन्हें बहलाकर ऑडिटोरियम से बाहर ले जाया गया... फिर उनका यौन उत्पीड़न और शोषण किया गया।
तबीयत बिगड़ने के बाद हुआ पर्दाफाश॥
यह घटना आठ अगस्त की है। कैंप पूरा होने के बाद सभी घर लौट आए। बाद में दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की तबीयत खराब हो गई और 16 अगस्त को अस्पताल में उसने परिजनों को घटना के बारे में बताया। इसके बाद परिजनों ने बरगुर पुलिस को घटना की सूचना दी और वारदात का पर्दाफाश हुआ।
स्कूल ने दबा दिया था मामला॥
डीएसपी पी थगादुरई ने मीडिया से बात करते हुए कहा, स्कूल के अधिकारियों को यौन अपराधों के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित करने के बजाय मामले को दबा दिया। यहीं नहीं, पीड़ित छात्राओं को भी इस मामले को गंभीरता से न लेने के निर्देश दिए गए थे।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
पुलिस जांच में प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिस निजी स्कूल में कैंप लगा था, वहां एनसीसी यूनिट ही नहीं थी। एक समूह ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया और उसे आश्वस्त किया कि शिविर आयोजित करने के बाद स्कूल में एनसीसी इकाई स्थापित हो सकती है। स्कूल सहमत हो गया और पुलिस ने कहा कि प्रस्ताव पर सहमत होने से पहले कोई जांच नहीं की गई। तीन दिवसीय शिविर अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित किया गया था और इसमें 41 प्रतिभागी थे जिनमें से 17 लड़कियां थीं। पुलिस ने कहा कि लड़कियों को उस सभागार से बहला फुसला कर ले जाया गया जहां वे रह रही थीं और उनका यौन शोषण किया गया।
सेमिनार हाल में ठहराया था॥
लड़कियों को सभागार की पहली मंजिल पर ठहराया गया था जबकि लड़कों को ग्राउंड फ्लोर पर रखा गया था और बच्चों की निगरानी के लिए कोई शिक्षक सभागार में नहीं था। आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। कृष्णागिरि जिला बाल कल्याण समिति के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि विभाग ने स्कूल अधिकारियों और शिविर के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या फर्जी एनसीसी शिविर के पीछे के समूह ने अन्य स्कूलों में भी इसी तरह के शिविर आयोजित किए थे।
पॉक्सो के तहत केस दर्ज॥
पुलिस अब यह पता लगा रही कि क्या इस तरह के फर्जी एनसीसी कैंप कहीं और भी लगाए गए थे। पीड़िताओं की मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। उधर, जिला बाल कल्याण समिति ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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