UP STF ने झारखंड से 1 लाख के इनामिया अंकित यादव को दबोचा, दशाश्वमेध में दिनदहाड़े सपा नेता के घर फायरिंग कर था फरार; गैंग बनाकर करता है वसूली।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में दशाश्वमेध क्षेत्र में दिन-दहाड़े सपा नेता दिनेश यादव के घर पर फायरिंग करने वाले एक लाख रुपए के इनामी बदमाश अंकित यादव को UP STF ने गुरुवार को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी घटना के बाद से ही झारखंड में छिपकर रह रहा था। एसटीएफ आरोपी को थाना पाकुर नगर कोतवाली (झारखण्ड) में पेश कर न्यायालय से ट्रांजिट रिमाण्ड पर वापस ला रही है। आरोपी अंकित यादव पुत्र – बंशी यादव लक्सा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीकुंड का रहने वाला है। 

थाने में दर्ज हैं कई मुकदमें॥

एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेश प्रताप सिंह इस मामले की जांच कर रहे थे। सबूतों व गिरफ्तार अन्य अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि अंकित यादव एक मनबढ किस्म का दबंग अपराधी है। इसने अपने क्षेत्र के कुछ मनबढ किस्म के लडको का एक गैंग बनाया है। यह गैंग आस-पास को लोगों से वसूली आदि का काम करता है। आस-पास के लोगों में इसका इतना भय है कि लोग इसकी शिकायत पुलिस से करने में डरते थे। इसके विरूद्ध कैंट, कोतवाली समेत वाराणसी कमिश्नरेट के कई थानों में कई केस दर्ज हैं।

फायरिंग के मामले में था फरार॥

दरअसल, 30 जून 2024 को वाराणसी के थाना दशाश्वमेध क्षेत्रान्तर्गत अंकित यादव ने दिन-दहाड़े अपने गैंग के साथियों के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर चढ़कर जान से मारने की नियत से अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें दिनेश यादव सहित कुल 3 लोग गोली लगने से बुरी तरह से घायल हो गये। इस मामले में अंकित यादव के कई साथियों को दशाश्वमेध पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं मुख्य अभियुक्त अंकित घटना के बाद से फरार चल रहा था. जिसके बाद पुलिस ने अंकित पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। घटना के बाद तत्कालीन दशाश्वमेध थानेदार को पुलिस कमिश्नर ने लाइन हाजिर करते हुए तत्कालीन चौकी प्रभारी को सस्पेंड किया था।

फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था अंकित यादव॥

झारखंड से गिरफ्तार अंकित यादव बीजेपी का नेता है और फरवरी के महीने में ही उसने वाराणसी के एक भाजपा विधायक के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। अंकित 2017 में समाजवादी पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतने वाला सबसे कम उम्र का प्रत्याशी भी रहा, लेकिन पार्षद बनने के बाद अंकित ने न सिर्फ राजनीति में सक्रिय होने के लिए सत्ता की शरण ली, बल्कि अपराधिक दुनिया में भी अपने को मजबूत करने में जुट गया। 

यही वजह है कि 30 जून को दशाश्वमेध क्षेत्र के मीरघाट इलाके में विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के निकट हाईली सेंसेटिव एरिया में अंकित ने तीन दर्जन लड़कों के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। जिसमें तीन लोग जख्मी हुए थे। इस मामले में पुलिस अंकित को तलाश रही थी और एसटीएफ ने उसे झारखंड से गिरफ्तार किया, लेकिन गिरफ्तार अंकित यूपी में सत्ता के करीब रहकर अपने को बचाने के प्रयासों में लगा रहा। 30 जून की घटना के बाद अंकित बनारस छोड़कर फरार था और लगभग डेढ़ महीने के बाद उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी।

अंकित यादव कभी समाजवादी पार्टी का ही नेता हुआ करता था, लेकिन 2017 के निकाय चुनावों में अंकित यादव को जब समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो उसने बगावत कर दी और समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी रवि विश्वकर्मा के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की। इस बार के निकाय चुनाव में भी अंकित ने अपनी किस्मत आजमाई और उस वक्त के वार्ड नंबर 72 पान दरीबा जो वर्तमान में सूर्य कुंड वार्ड है, वहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उसे जीत नहीं मिली।

 अंकित यादव के पिता बंसी यादव भी पार्षद रहे और आपराधिक मुकदमों के चलते वाराणसी की जिला जेल में बंद थे। सपा की सरकार में 9 मार्च 2004 को जेल के गेट पर बंशी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त इस घटना में पूर्वांचल के नामी शूटर बाबू यादव और अनु त्रिपाठी का नाम सामने आया था। दोनों मुन्ना बजरंगी के लिए काम करते थे, हालांकि बाद में अनु त्रिपाठी को पुलिस ने जेल भेजा और अनु त्रिपाठी की भी जेल के अंदर बैरक में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

अंकित पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था और उसे जब झारखंड से गिरफ्तार किया गया तो पूछताछ में उसने कई राज भी खोले हैं। पुलिस के मुताबिक, सबसे बड़ी बात यह है कि अंकित के पास युवा लड़कों का एक अच्छा खासा गैंग मौजूद था। अंकित इन युवा लड़कों के गैंग को खुद ऑपरेट करता था और अपराध जगत में एक नया और युवा चेहरा बनाकर उबरने का सपना देख रहा था। राजनीति से अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बनाने के चक्कर में अंकित ने सपा पार्षद पर हमला भी करवाया था। क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए अंकित ने जिस तरह से लगभग तीन दर्जन से ज्यादा लड़कों को असलहों के साथ अति संवेदनशील एरिया में भेजकर अपनी दहशत को फैलाने का काम किया था, उसने पूरे महकमे को हिला दिया था।

एसटीएफ ने अंकित को झारखंड से गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि एसटीएफ शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करके उसकी रिमांड ले सकती है। इसके बाद अंकित की अपराधिक दुनिया के कई और राज खुल सकते हैं।

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