
मिलावट हिंदू धर्म में सबसे बड़ा पाप : वाराणसी में बोले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, विश्वनाथ जी का प्रसाद मिला तो मुझे खटका, तिरुपति मंदिर से उठी चिंता!
वाराणसी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबरों पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आस्था प्रसाद से जुड़ी होती है, लेकिन मिलावट की खबरें श्रद्धालुओं के मन में संदेह पैदा कर रही हैं। वाराणसी दौरे का उल्लेख करते हुए कोविंद ने कहा, "हालांकि मैं काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन नहीं कर सका, मेरे कुछ सहयोगी मंदिर गए और उन्होंने मुझे प्रसाद भेंट किया। उस वक्त मुझे तिरुपति मंदिर में मिलावट की खबरें याद आ गईं। यह समस्या केवल एक मंदिर तक सीमित नहीं हो सकती, बल्कि यह सभी मंदिरों का मामला हो सकता है।"
पूर्व राष्ट्रपति ने यहां काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी कृषि विज्ञान प्रेक्षागृह में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय ‘भारतीय गाय, जैविक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्सा’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। कोविंद ने कहा, “हिन्दू शास्त्रों में भी मिलावट को पाप कहा गया है। प्रसाद श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है और इसमें मिलावट करना निंदनीय है।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के इस दावे के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है कि राज्य में पिछली सरकार के दौरान तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसादम् में मिलने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि तिरूपति तिरुमाला मंदिर के प्रसाद को लेकर जो खबर आई हैं, वह बहुत ही चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में प्रसाद को लेकर बहुत श्रद्धा होती है, लेकिन ऐसी घटनाएं प्रसाद को लेकर उनके मन में शंकाएं उत्पन्न करती हैं।
कोविंद ने कहा कि उन्हें इस बार यहां बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने का सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन उनके कुछ सहयोगी मंदिर में दर्शन करने गए थे और उन्होंने “मुझे प्रसाद लाकर दिया तो मुझे तुरंत तिरुमला प्रसादम की बात खटकी।”
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने की जांच की मांग॥
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने तिरुपति लड्डू से जुड़े विवाद को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार से सख्त और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को या तो विशेष टीम गठित करनी चाहिए या फिर मामले को सीबीआई को सौंपना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह हिंदू आस्था और विश्वास पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
प्रह्लाद जोशी ने भी जताई चिंता॥
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तिरुपति लड्डू विवाद पर चिंता जताते हुए कहा है कि यह एक बेहद गंभीर मामला है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "जो लैब रिपोर्ट सामने आई है, वह बेहद खतरनाक है। यह करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है। चंद्रबाबू नायडू द्वारा सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए, और अगर यह सच साबित होती है, तो दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।"
उन्होंने इस मामले का विरोध करने की अपील भी की और कहा कि राज्य सरकार को इस पर निर्णय लेना चाहिए। जोशी ने कहा, "प्रदेश सरकार सक्षम है, उन्हें तय करना चाहिए कि मामले को सीबीआई को सौंपा जाए या फिर एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया जाए।"
मात्र 320 रुपये किलो के दर से घी खरीदता था तिरुपति बोर्ड॥
सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू के घी में मिलावट का मामला गरमाता जा रहा है. जांच में यह बात सामने आई है कि एआर डेयरी को महज 320 रुपए किलो के भाव से घी सप्लाई का ठेका दिया गया था और नंदिनी घी का टेंडर रद्द किया गया था। बाद में जुलाई में घी मे मिलावट पाई गई तो फिर से नंदिनी घी को 470 रुपए किलो के भाव से ठेका दिया गया है।

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