Sharda Sinha Death: बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का छठ पूजा से पहले निधन, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया दुख।
Sharda Sinha Passes Away : मशहूर गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। शारदा सिन्हा बीमार थीं और दिल्ली के AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। 72 साल की उम्र में उन्होने आखिरी सांस ली। बेटे अंशुमान सिन्हा ने फेसबुक पोस्ट कर मां शारदा सिन्हा के निधन की जानकारी दी है।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया दुख॥
शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है। इनके अलावा कई अन्य नेताओं ने भी एक्स हैंडल पर ट्वीट कर शारदा के निधन पर दुख जताया है। एक्स हैंडल पर पीएम मोदी ने लिखा, सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है।
महापर्व के गीत गाकर मशहूर हुईं शारदा सिन्हा का निधन छठ पूजा के ही पहले व्रत यानी नहाय-खाय के दिन हुआ है। इससे पहले सोमवार को शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने अपने फेसबुक पर अपनी मां की स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए लिखा था, ‘शारदा सिन्हा मां कुछ देरपहले वेंटिलेटर पर चली गई हैं। यह खबर इस बार सच है। प्रार्थनाओं और दुआओं की बहुत जरुरत है।’
इस घटना से ठीक पहले शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने बताया था कि उनकी हालत बिगड़ गई है और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी हालत खराब है डॉक्टर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं।
मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ॥
पीएम मोदी ने कहा कि शारदा के गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्त की संवेदना॥
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर बयान जारी किया है। सीएम नीतीश ने कहा कि पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा मशहूर लोक गायिका थी। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावे हिन्दी गीत भी गाये थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी।
संगीत जगत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था। स्व० शारदा सिन्हा के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी भागों में गूंजा करते हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
अमित शाह ने भी जताया शोक॥
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अपनी मधुर आवाज़ से पांच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊंचाई देने वाली शारदा सिन्हा के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म जगत को मंत्रमुग्ध करतीं रहीं। पूर्वांचल के लोक संस्कार उनकी आवाज़ के बिना अधूरे लगते हैं। इस छठ महापर्व पर उनका स्वर भक्तों को निश्चय ही और भी भावुक करेगा।
डिप्टी सीएम समेत कई नेताओं ने जताया शोक॥
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन बिहार की लोक संस्कृति और विरासत के लिए अपूरणीय क्षति है। छठ का महापर्व उनके गीतों के बिना अधूरा है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान दें।
अन्य नेताओं ने विजेता या दुख॥
वहीं, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि शारदा का निधन बहुत दुखद है... यह कैसा संयोग है कि 'छठी मैया' के गीत को देश के घर-घर तक पहुंचाने वाली गायिका ने 'नहाय खाय' के अवसर पर अंतिम सांस ली। उधर, आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने लोक गायन में देश में अपनी अमिट छाप छोड़ी। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।
शारदा सिन्हा के बेटे ने वेंटिलेटर पर जाने की दी थी खबर॥
बेटे अंशुमन सिन्हा ने शारदा सिन्हा की तबीयत के बारे में 5 नवंबर की दोपहर बताया था कि उनकी हालत नाजुक है। वह ICU में हैं, जिन्हें डॉक्टर्स देख रहे हैं। बेटे के मुताबिक, उनकी मां से बात भी हुई थी। 4 नवंबर की शाम से वह वेंटिलेटर पर थीं। बेटे को इस बात की उम्मीद थी कि शारदा सिन्हा ठीक हो जाएंगी। वहीं, 'आज तक' से हुई बातचीत में बताया था कि इस बार ये सच्ची खबर है, मां वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने कहा था, 'मैंने अभी कन्सेंट साइन किया है, प्रार्थना करते रहिए। मुश्किल है, काफी मुश्किल है, इस बार काफी मुश्किल है।'
बेटे ने की थी मां के लिए प्रार्थना करने की अपील॥
अंशुमन ने उन्हें चाहने वालों से विनती की थी और कहा था कि बस यही प्रार्थना कीजिए कि वो इससे लड़कर बाहर आ सकें। उन्होंने कहा था -छठी मां कृपा करें, अभी फिलहाल डॉक्टर्स मिले तो उन्होंने यही कहा है कि अचानक केस बिगड़ा है और सब कोशिश कर रहे हैं।
शारदा सिन्हा 2017 से कैंसर से जूझ रही थीं॥
बता दें कि उनके बेटे अंशुमन ने पिछले दिनों वीडियो शेयर कर मां का हाल खुलकर बताया था। हालांकि, उन्होंने तब कहा था कि मां की हालत ठीक है और वो वेंटिलेटर पर नहीं हैं। उन्होंने तब लोगों को गलत खबरें न फैलाने की रिक्वेस्ट की थी। इसी दौरान उन्होंने मां की बीमारी के बारे में भी बातें की थी।
सबको अपना कष्ट बताना उनको पसंद नहीं था॥
अंशुमन ने कहा था, 'शारदा जी 2017 से मल्टिपल माइलोमा (ब्लड कैंसर) से लड़ाई लड़ रही हैं। हम परिवार के सभी लोग इस बात को जानते हैं। मां नहीं चाहती थीं कि उनकी पर्सनल तकलीफ को सबके साथ शेयर करने की जरूरत है। मां का कहना था कि मैं अपना काम हमेशा करती रहूंगी और सबको अपना कष्ट बताना उनको पसंद नहीं।' अंशुमन ने बताया था कि मां ने कभी ये प्रेफर नहीं किया कि उन्हें क्या तकलीफ है, क्या बीमारी है, इस बात की चर्चा करते हुए काम करें, ये उनको बिल्कुल पसंद नहीं था।
पति के निधन के बाद से शारदा सिन्हा की तबीयत बिगड़ने लगी थी॥
उन्होंने ये भी बताया था कि ये बीमारी तो उन्हें 2017 से थी लेकिन उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब तब हुई है जब पिताजी के देहांत हुआ। इस घटना से उन्हें काफी धक्का लगा, उस शॉक ने उनके मनोबल को तोड़कर रख दिया। बेटे ने कहा था, 'मां जिस गति से चल रही थीं अपने कार्य को ओर, पिता जी के जाने के बाद उसमें एक बहुत बड़ा झटका आया।'
शारदा सिन्हा 'पद्मश्री' और 'पद्म भूषण' से सम्मानित॥
शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और मैथिली में काफी सारे लोकगीत गाए। उन्होंने बॉलीवुड में सलमान खान की फिल्म 'मैंने प्यार किया' के भी गाने में अपनी आवाज दी है। संगीत की दुनिया में उनके अहम योगदान के लिए सिंगर को साल 1991 में 'पद्मश्री' और 2018 में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया। शारदा सिन्हा हमारे बीच अब भले नहीं रहीं, लेकिन उनकी वो आवाज कभी खत्म नहीं होगी जो छठ के दौरान घाटों पर सुनकर लोग भावविभोर हो उठते हैं। इनकी वो आवाज हमेशा गूंजती रहेगी, जिसे सुनकर अपने-अपने घरों से दूर रहने वाला छठ पर घर आने को बेचैन हो उठेगा।