हैवानियत की हदें पार: मानव खोपड़ी से तंत्र पूजा कर अमीर होने के लालच में हत्या; चाकू से निकाली आंखें; नाक-कान काट छील दी खोपड़ी।

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। यहां साहिबाबाद के टीला मोड़ थाना इलाके के पंचशील कॉलोनी के जंगल में 22 जून को मिले सिर कटे शव के मामले का पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा किया है। शव की पहचान राजू कुमार (29) पुत्र भैरव शाह निवासी बिशनपुर थाना पिपरा जिला मोतिहारी बिहार के रूप में हुई है।


जांच में सामने आया है कि तंत्र विद्या से रुपये कमाने के लिए ई-रिक्शा चालक विकास उर्फ परमात्मा ने ऑटो चालक विकास और उसके दोस्त धनंजय को तरीका बताया था। इसके बाद विकास और धनंजय ने पांच दिन तक शराब पिलाने के बाद पड़ोस में रहने वाले दोस्त राजू की हत्या कर दी थी। 

मानव खोपड़ी से तंत्र पूजा कर अमीर होने के लालच में हत्या॥

गाजियाबाद के साहिबाबाद के टीलामोड़ स्थित पंचशील कॉलोनी के जंगल में 22 जून की सुबह अज्ञात युवक का सिर कटा लहूलुहान शव मिलने के मामले में पुलिस ने हैरतअंगेज खुलासा किया है। डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि विकास उर्फ मोटा निवासी गली नंबर-एक ताहिरपुर थाना दिल्ली, उसके दोस्त धनंजय पुत्र समासैनी निवासी हुसैनी थाना डुमरियाघाट जिला मोतिहारी बिहार को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि “पूछताछ के दौरान, मोटा ने खुलासा किया कि उनके तीसरे साथी विकास ने पैसे कमाने के लिए तंत्र-मंत्र के लिए मानव खोपड़ी की मांग की थी।

विकास ने पूछताछ में बताया कि वह अपने मामा मुन्ना का ऑटो किराये पर लेकर चलाता है। कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात धनंजय से हुई थी। वह कमला मार्केट, नई दिल्ली के पास गढ़ी हिम्मतगढ़ में अपने दूर के रिश्ते के मामा के पास रहकर खाना बनाता है। इसी बीच दोनों की मुलाकात विकास उर्फ परमात्मा निवासी ताहिरपुर दिल्ली से हुई। 

परमात्मा इन दोनों से तंत्र विद्या और टोने-टोटके से सब कुछ हासिल करने की बात कहता रहता था। वह उनसे कहता था कि एक दिन दोनों को बड़े काम से पैसे मिलेंगे। उसने दोनों को बताया कि ऐसे व्यक्ति की तलाश करनी होगी जिसकी हत्या करके खोपड़ी काटने के बाद तंत्र क्रिया की जा सके।

उसने धनंजय को अज्ञात युवक की तलाश के लिए पांच लाख रुपये देने का लालच भी दिया। दोनों एक साथ युवक की तलाश करने लगे। इस दौरान धनंजय ने अपने पड़ोसी और दोस्त राजू कुमार को निशाना बनाने के लिए जाल में फंसाना शुरू कर दिया। राजू नशा करने का आदी था और वह पकौड़े की ठेली लगाता था।

नशेड़ी को बनाया दोस्त॥

डीसीपी ने बताया "तीनों ने दिल्ली के कमला मार्केट के पास नशे के आदी राज कुमार को अपना शिकार बनाया था। पहले उससे दोस्ती की फिर वे दोनों 15 जून को राजू को अगवा कर परमात्मा के कमरे में ले गए। वहां पांच दिन तक उसे शराब पिलाते रहे। 21-22 जून की रात कमरे में राजू को गले में फंदा लगाकर पंखे से लटका दिया।

 तंत्र-मंत्र के लिए खोपड़ी की मांगी॥

पाटिल ने कहा कि हत्या के बाद, मोटा और धनंजय शव को एक ऑटो-रिक्शा में भोपुरा लोनी रोड ले गए और वहीं उसका सिर काटकर अलग कर दिया। मोटा ने पुलिस को बताया, “मैंने और मेरे साथी धनंजय ने उसकी गर्दन काटकर प्लास्टिक की बाल्टी में रख दिया और विकास को सौंप दिया, क्योंकि उसने अधिक पैसे कमाने के लिए तंत्र-मंत्र के लिए खोपड़ी मांगी थी।”

बाद में तीनों उसके शव को छिपाने के लिए ऑटो से टीला मोड़ थाना क्षेत्र की पंचशील कॉलोनी में पहुंचे। वहां पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से सड़क किनारे ऑटो खड़ा कर राजू का सिर छुरी से काटकर धड़ जंगल में फेंककर फरार हो गए थे। तीनों उसके सिर को प्लास्टिक की बाल्टी में रखकर ले गए। 

सात दिन तक कमरे में रखा था कटा सिर॥

एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि राजू का सिर काटने के बाद तीनों ने उसे सात दिन तक कमरे में रखा। जब कमरे में बदबू फैलने लगी तो मुख्य आरोपी विकास और परमात्मा ने तंत्र विद्या से पैसे कमाने का तरीका आजमाया लेकिन वह कुछ घंटे प्रयास के बावजूद सफल नहीं हुआ। इसके बाद वह कटा हुआ सिर लेकर भाग गया। हत्याकांड में आरोपियों ने ई-रिक्शा का भी इस्तेमाल किया था।

पुलिस ने दर्ज नहीं की थी राजू की गुमशुदगी॥ 

पुलिस का कहना है कि राजू के माता-पिता का कई साल पहले देहांत हो गया था। वह ताहिरपुर में अपने फूफा गणेश के पास रहता था। 15 जून की देर रात तक जब राजू घर नहीं पहुंचा था तो उसकी गुमशुदगी कराने वह थाने पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने जांच की बात कह लौटा दिया था। फिलहाल पुलिस फरार विकास उर्फ परमात्मा की तलाश में दबिश दे रही है। 

चाकू से आंख निकाल छील दी थी खोपड़ी॥

टीलामोड़ में 21 जून की देर रात राजू कुमार (29) की निर्मम हत्या करने के बाद तीनों आरोपियों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। पुलिस ने बताया, कि ऑटो में बाल्टी के अंदर कटी गर्दन और खून ले जाने के बाद तीनों ने कमरे में चाकू से आंख-नाक, कान काटकर खोपड़ी को पूरी तरह छील दिया।

उसके बाद परमात्मा ने मानव खोपड़ी पर चोट का निशान देखकर दोनों से बोला कि अब यह उसके काम की नहीं है। तुम दोनों को दूसरे मानव की खोपड़ी लानी होगी। अगले दिन वह मौका पाकर वहां से खोपड़ी लेकर भाग गया।

डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि पूछताछ में विकास और धनंजय से पता चला कि मुख्य आरोपी परमात्मा ने राजू की खोपड़ी को दिल्ली में जीटीबी अस्पताल के नाले में फेंक दिया था। 

उसके साथ उसकी आंख-नाक, कान और मुंह व बाल भी थे। इस तथ्य के सामने आने के बाद टीला मोड़ पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से नाले में सफाई कराई लेकिन, कई घंटे की मशक्कत के बावजूद टीम को सफलता नहीं मिली। एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि परमात्मा ने एक जानकार के पास 35 हजार रुपये में अपना ई-रिक्शा गिरवी रख दिया था। उसके बाद फोन बंद करके भाग गया।

हत्या के बाद दोनों एक दूसरे से मिलते थे॥

पुलिस का कहना है कि राजू की हत्या करने के बाद विकास और धनंजय दोनों एक दूसरे से मिलते थे। दोनों ने कई बार परमात्मा से मिलने का प्रयास किया लेकिन, कुछ पता नहीं चला। दोनोें ने पूछताछ में यह भी बताया कि सनसनीखेज हत्या के बाद रोजाना रात को परमात्मा काला टीका, काले कपड़े पहनकर तंत्र-विद्या करता था। दो रात में वह दोनों उसके साथ कमरे में थे।

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