जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद पहली बार होंगे विधानसभा चुनाव, निर्वाचन आयोग आज दोपहर तीन बजे करेगा तारीखों का ऐलान।
नई दिल्ली। देश में इस वर्ष कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चावन को देखते हुए इस वर्ष चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। चुनाव आयोग शुक्रवार 16 अगस्त को इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। जम्मू कश्मीर हरियाणा महाराष्ट्र और झारखंड में भारत के अंत तक विधानसभा चुनाव होंगे जिनकी तारीखों का ऐलान शुक्रवार 16 अगस्त को चुनाव आयोग कर सकता है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव इस वर्ष बेहद खास है क्योंकि यह पहला मौका होगा जब धारा 370 हटाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव आयोजित करवाए जाएंगे।
भारत निर्वाचन आयोग आज दोपहर तीन बजे एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है जिसमें जम्मू-कश्मीर के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान होगा। इसके अलावा आज हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भी तारीखों का ऐलान होगा। 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा के अधिकारियों के साथ इस संबंध में मीटिंग भी की थी।
हरियाणा की बात करें यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। वर्तमान में तीन सीटें खाली हैं। बीजेपी के 41 विधायक हैं। कांग्रेस के 29, जेजेपी के 10 और INLD और HLP के एक-एक विधायक हैं। सदन में पांच निर्दलीय विधायक है।
2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। राज्य की कुल 90 सीटों में से भाजपा ने 40 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। इसके अलावा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को 10 सीटें और अन्य को 9 सीटें मिली थी। बाद में बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
कश्मीर में लगातार हो रही थी चुनाव की मांग॥
बतादे की, 2019 में धारा 370 खत्म कर दिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था। तभी से वहां के राजनीतिक दल लगातार राज्य का दर्जा वापस दिये जाने की मांग कर रहे थे। सरकार की तरफ से बार बार यही कहा जा रहा था कि पहले चुनाव होंगे और उसके बाद ही राज्य का दर्जा वापस मिलेगा।
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में तीन से चार चरणों में मतदान कराया जा सकता है। सितंबर में मतदान की प्रक्रिया पूरी करा इसी महीने के अंत तक चुनाव नतीजों का ऐलान किया जा सकता है। चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव संपन्न कराने की राह में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा व्यवस्था है। हाल के दिनों में अचानक बढ़ी आतंकी घटनाओं ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इसका असर चुनावी कार्यक्रम पर भी दिख सकता है।
जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों पर चुनाव॥
परिसीमन का काम पूरा न हो पाने के कारण जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक विधानसभा चुनाव नहीं कराया जा सका था। मई, 2022 के परिसीमन के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 90 हो गई है। इस तरह जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। 2014 में 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें जम्मू की 37 और कश्मीर घाटी की 46 सीटों के अलावा 6 सीटें लद्दाख की थीं।
पिछली बार 2014 में हुए थे चुनाव॥
राज्य पुनर्गठन के पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव आखिरी बार साल 2014 में हुए थे। तब जम्मू कश्मीर विधानसभा की 87 सीटों के लिए करीब 65 फीसदी वोटिंग हुई थी। चुनाव नतीजों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे ज्यादा 23 फीसदी वोट मिले थे लेकिन पार्टी 25 सीटों के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बाद दूसरे नंबर रही थी। पीडीपी तब 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
इसके अलावा डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी। सीपीआईएम एक सीट जीतने में सफल रही थी। तब पीडीएफ के एक उम्मीदवार को भी जीत मिली थी और तीन निर्दलीय भी विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे। दो सबसे बड़ी पार्टियों पीडीपी और बीजेपी साथ आए और गठबंधन सरकार बनाई। साल 2018 में ये गठबंधन टूट गया था जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था।
जम्मू कश्मीर के प्रमुख सियासी दल॥
जम्मू कश्मीर में प्रमुख नेताओं और दलों की बात करें तो कांग्रेस और बीजेपी के अलावा, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, अल्ताफ बुखारी की 'अपनी पार्टी', और लंबे समय तक कांग्रेस में रहे गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी प्रमुख दल हैं। इसके अलावा, सज्जाद लोन की जम्मू-कश्मीर पीपल कॉन्फ्रेंन्स और लोकसभा चुनाव जीतने वाले इंजीनियर रशीद की पार्टी आवामी इत्तेहाद पार्टी शामिल है. राशिद की पार्टी उत्तरी कश्मीर में अपना जनाधार लगातार बढ़ाते जा रही है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में मतदान को लेकर भारी उत्साह नजर आया था। श्रीनगर में मतदान ने नया रिकॉर्ड बना दिया था तो वहीं केंद्र शासित प्रदेश की अन्य सीटों पर भी मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा गया।