फिर दुनिया के टॉप बैंकर बने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, PM ने दी बधाई; जानिए इनके बारे में।

नई दिल्ली। इतिहास विषय के साथ बीए और एमए की परीक्षा पास की। इसके बाद देश के सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर आईएएस (IAS) बने। अब वह लगातार दो बार दुनिया के शीर्ष बैंकर बने हैं। जी हां, आपने सही समझा। हम रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की बात कर रहे हैं। वह लगातार दूसरी बार दुनिया के शीर्ष बैंकर बने हैं। उनकी इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है।

पीएम मोदी ने क्या लिखा.?

भारतीय रिजर्व बैंक के सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर की गई एक पोस्ट के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को लगातार दूसरी बार इस उपलब्धि के लिए बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह आरबीआई में उनकी लीडरशिप और देश की आर्थिक वृद्धि दर और स्थिरता बनाए रखने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य को प्रमाणित करता है।"

क्या उपलब्धि मिली है?

ग्लोबल फाइनेंस मैगजीन द्वारा पिछले दिनों ही 'सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड्स 2024' (Global Finance Central Banker Report Cards 2024) में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को काम के आधार पर ग्रेड दी थी। उसमें सबसे अच्छी ग्रेड "ए+", "ए" और "ए-" हैं। अपने रिजर्व बैंक के गवर्नर को इसमें A+ की ग्रेडिंग मिली है। इसके बाद आरबीआई के सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट आया। इसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को 'ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड्स 2024' में लगातार दूसरी बार "ए+" रेटिंग मिलने पर बधाई दी।

कौन है RBI गवर्नर शक्तिकांत दास.?

शक्तिकांत दास (जन्म 26 फरवरी 1957 ) तमिलनाडु के 1980 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। यह वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के २५वें गवर्नर के रूप में कार्यरत है। दास पहले भारत के पंद्रहवीं वित्त आयोग और जी-२० में भारत के शेरपा के सदस्य थे। आईएएस अधिकारी के रूप में अपने करियर के दौरान, उन्होंने भारतीय और तमिलनाडु सरकारों के लिए विभिन्न पदों पर कार्य किया।.इनका जन्म तमिलनाडु में हुआ था।।इनके बचपन का नाम शशि देव था। यह पहले आईएएस अधिकारी थे।

100 देशों के गवर्नर को मिलती है ग्रेडिंग॥

Global Finance Central Banker Report Cards को 1994 के बाद से हर साल जारी किया जाता है। इसमें करीब 100 देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को काम के आधार पर ग्रेड दी जाती है। इसमें यूरोपियन यूनियन के अलावा पूर्वी कैरेबियाई सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ सेंट्रल अफ्रीकन स्टेट्स और सेंट्रल बैंक ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स शामिल हैं। इसमें ग्रेड महंगाई पर नियंत्रण, आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने, मुद्रा की स्थिरता और ब्याज दरों के मैनेजमेंट के आधार पर दी जाती है।

महंगाई को काबू करना अहम मुद्दा॥

ग्लोबल फाइनेंस के संस्थापक और एडिटोरियल डायरेक्टर जोसेफ जियारापुटो ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय बैंकों ने महंगाई को कम करने के लिए अपने प्राथमिक विकल्प अधिक ब्याज दरों को उपयोग किया है, अब पूरी दुनिया में महंगाई में कमी देखने को मिल रही है। दास ने बीते मंगलवार को ही कहा था कि बैंकों को क्रेडिट और डिपॉजिट में अंतर पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे लिक्विडिटी की समस्या पैदा हो सकती है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उन्होंने बैकों को इस स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है।

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